Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2016 · 1 min read

निगाहें जब निगाहों से तुम्हारी बात करती हैं

निगाहें जब निगाहों से तुम्हारी बात करती हैं
ख़ुशी के मोतियों की तब बहुत बरसात करती हैं

भले खामोश रहकर तुम करो कोशिश छुपाने की
निगाहें पर तुम्हारे सब बयाँ हालात करती हैं

तुम्हारे सामने ये धड़कनें बढ़ती ही जाती क्यूँ
हमें लगता मुहब्बत की ये तहकीकात करती हैं

नज़र अन्दाज़ करते हो हमें जब देखकर भी तुम
वो नज़रें नर्म नाजुक दिल पे तब आघात करती हैं

हमेशा ही निभाती हैं ये आँखें साथ इस दिल का
सुनाने गम ख़ुशी आँसू को वो तैनात करती हैं

लगे अच्छा नहीं कुछ भी सुना हमने जुदाई में
अँधेरे दिल में होते हैं ये रातें बात करती हैं

नहीं आसान जीना है यहाँ पर ‘अर्चना’ देखो
ग़मों की बारिशें हरदम तुषारापात करती हैं

डॉ अर्चना गुप्ता

1 Like · 6 Comments · 950 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
|| हवा चाल टेढ़ी चल रही है ||
|| हवा चाल टेढ़ी चल रही है ||
Dr Pranav Gautam
World stroke day
World stroke day
Tushar Jagawat
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तन्हाई
तन्हाई
Rajni kapoor
■दोहा■
■दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐प्रेम कौतुक-216💐
💐प्रेम कौतुक-216💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
*दुनिया में हों सभी निरोगी, हे प्रभु ऐसा वर दो (गीत)*
*दुनिया में हों सभी निरोगी, हे प्रभु ऐसा वर दो (गीत)*
Ravi Prakash
Dr arun kumar शास्त्री
Dr arun kumar शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गुलामी के कारण
गुलामी के कारण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
डर
डर
Neeraj Agarwal
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
Vishal babu (vishu)
बाल शिक्षा कविता पाठ / POET : वीरचन्द्र दास बहलोलपुरी
बाल शिक्षा कविता पाठ / POET : वीरचन्द्र दास बहलोलपुरी
Dr MusafiR BaithA
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
जगदीश शर्मा सहज
Love Is The Reason Behind
Love Is The Reason Behind
Manisha Manjari
अभी बाकी है
अभी बाकी है
Vandna Thakur
जान हो तुम ...
जान हो तुम ...
SURYA PRAKASH SHARMA
आज की जेनरेशन
आज की जेनरेशन
ruby kumari
बैगन के तरकारी
बैगन के तरकारी
Ranjeet Kumar
बस्ता
बस्ता
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"प्रेमको साथी" (Premko Sathi) "Companion of Love"
Sidhartha Mishra
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
पूर्वार्थ
(19) तुझे समझ लूँ राजहंस यदि----
(19) तुझे समझ लूँ राजहंस यदि----
Kishore Nigam
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
Dr fauzia Naseem shad
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
******गणेश-चतुर्थी*******
******गणेश-चतुर्थी*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2530.पूर्णिका
2530.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...