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28 Jul 2017 · 1 min read

नाकाम कोशिश

जज्बों की कमी नहीं इंसान में,
आज जज्बात कम पड़ गए है,
चाहतें तो है आकाश को छूना,
बस ख्यालात कम पड़ गए है,

नाकाम कोशिश करते है रहते,
कंप्यूटर की इस दुनिया में,
दिल से जुड़ने वाले आँखों के,
जो न दिखे तार कम पड़ गए है,

जानकर सारी बातों पर चुप्पी,
हिम्मत नहीं है लोगो में सच्ची,
सच बोलने के लिए आज यंहा,
“तनहा” अलफ़ाज़ कम पड़ गए है,

तभी कहाँ है मैंने इसे नाकाम कोशिश,
सबने की पंगतियो की तारीफ बहुत,
पर सच तो ये आज इस जमीं पर,
शेरो शयरी के सारे अहसास कम पड़ गए है,
तनहा शायर हूँ

Language: Hindi
574 Views
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