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6 Aug 2016 · 1 min read

नशा……………३

नशा……………३

नशा इश्क का हो तो मुहबब्त से दामन जोडता है,
जुबान बंद होती है मगर नजरो से बहुत कुछ बोलता है
आबाद हुआ तो ठीक है, वरना इस बेरहम जमाने मे
लैला कोई मजनूँ बनके राहो मे पागलो सा डोलता है ।।




डी. के. निवातियॉ………… @

Language: Hindi
478 Views
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