Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2017 · 1 min read

नव वर्ष

(1) ?????
नयी साल की पहली किरणें
मन को है हर्षाती…
सर्द हवा की भीनी खुश्बू
मन में आस जगाती…
????

(2) ?????
आ गया नव वर्ष
अपनी बाहों को खोलें…….
उमड़ती नई उम्मीदें
रूबरू आँखें बिछाये…….
????—लक्ष्मी सिंह ??

Language: Hindi
449 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
जो भी मिलता है दिलजार करता है
जो भी मिलता है दिलजार करता है
कवि दीपक बवेजा
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-160💐
💐प्रेम कौतुक-160💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
"कुपढ़ बस्ती के लोगों ने,
*Author प्रणय प्रभात*
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
Phool gufran
अब मेरी मजबूरी देखो
अब मेरी मजबूरी देखो
VINOD CHAUHAN
🤗🤗क्या खोजते हो दुनिता में  जब सब कुछ तेरे अन्दर है क्यों दे
🤗🤗क्या खोजते हो दुनिता में जब सब कुछ तेरे अन्दर है क्यों दे
Swati
मां कुष्मांडा
मां कुष्मांडा
Mukesh Kumar Sonkar
कारगिल युद्ध फतह दिवस
कारगिल युद्ध फतह दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मन और मस्तिष्क
मन और मस्तिष्क
Dhriti Mishra
आपसा हम जो दिल
आपसा हम जो दिल
Dr fauzia Naseem shad
फिर से
फिर से
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
लैला अब नही थामती किसी वेरोजगार का हाथ
लैला अब नही थामती किसी वेरोजगार का हाथ
yuvraj gautam
आंखों की नशीली बोलियां
आंखों की नशीली बोलियां
Surinder blackpen
ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी ।
ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी ।
Manisha Manjari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
कलेजा फटता भी है
कलेजा फटता भी है
Paras Nath Jha
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
Sanjay ' शून्य'
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
नशा नाश की गैल हैं ।।
नशा नाश की गैल हैं ।।
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
16. आग
16. आग
Rajeev Dutta
*आस्था*
*आस्था*
Dushyant Kumar
मेरे चेहरे पर मुफलिसी का इस्तेहार लगा है,
मेरे चेहरे पर मुफलिसी का इस्तेहार लगा है,
Lokesh Singh
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
Loading...