Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 1 min read

नव वर्ष

सभी दोस्तों को नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं….
?????
गाता, गुनगुनाता,
मन को हर्षाता,
नव वर्ष आता।
?????
पत्तों पर सरसराता,
ठंड से ठिठुराता,
धरा पर ओस बिछाता,
कोहरों में मुँह छुपाता,
नव कलियों-सा मुस्कुराता,
नव वर्ष आता।
?????
नवीन परिवर्तन लाता,
अंजुरी भर खुशियाँ लाता,
मौन निमंत्रण देता,
मन-ही-मन इतराता,
नव वसंत-सा लुभाता,
नव वर्ष आता।
?????
प्यार को निखारता,
सबके मन को भाता,
बच्चों को हँसता,
बड़े-बूढ़ों को रिझाता,
नव वधु-सा लजाता,
नव वर्ष आता।
????
ख्वाबों को सजाता,
अरमानों का भर प्याला,
आशा का दीप जलाता,
मन में विश्वास भरता,
नव किरणों-सा पाॅव फैलाता,
नव वर्ष आता।
?????
साल भर सब सहता,
पर आह नहीं भरता,
यादों की गठरी बाँधता,
मंगलमय गीत गाता,
नव इन्द्रधनुष-सा लुभाता,
नव वर्ष आता।
?????
गाता, गुनगुनाता,
मन को हर्षाता,
नव वर्ष आता।
??—लक्ष्मी सिंह ?☺

Language: Hindi
380 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
" नई चढ़ाई चढ़ना है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
विजय कुमार अग्रवाल
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
संगीत
संगीत
Vedha Singh
कौआ और बन्दर
कौआ और बन्दर
SHAMA PARVEEN
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
असफलता का जश्न
असफलता का जश्न
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन -जीवन होता है
जीवन -जीवन होता है
Dr fauzia Naseem shad
राष्ट्र निर्माण के नौ दोहे
राष्ट्र निर्माण के नौ दोहे
Ravi Prakash
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
■ सूफ़ियाना ग़ज़ल-
■ सूफ़ियाना ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
"सूनी मांग" पार्ट-2
Radhakishan R. Mundhra
मुरली कि धुन
मुरली कि धुन
Anil chobisa
लगता है आवारगी जाने लगी है अब,
लगता है आवारगी जाने लगी है अब,
Deepesh सहल
उदास देख कर मुझको उदास रहने लगे।
उदास देख कर मुझको उदास रहने लगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आपकी आहुति और देशहित
आपकी आहुति और देशहित
Mahender Singh
बाप के ब्रह्मभोज की पूड़ी
बाप के ब्रह्मभोज की पूड़ी
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
शातिरपने की गुत्थियां
शातिरपने की गुत्थियां
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*मन का समंदर*
*मन का समंदर*
Sûrëkhâ Rãthí
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फ़ितरत
फ़ितरत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रस्फुटन
प्रस्फुटन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
शेखर सिंह
आउट करें, गेट आउट करें
आउट करें, गेट आउट करें
Dr MusafiR BaithA
बाबर के वंशज
बाबर के वंशज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
gurudeenverma198
मेरी फितरत तो देख
मेरी फितरत तो देख
VINOD CHAUHAN
करीब हो तुम मगर
करीब हो तुम मगर
Surinder blackpen
Loading...