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26 Mar 2017 · 1 min read

**** नववर्ष ****

[[[ नववर्ष ]]]]

दिन तीन सौ छियासठ बिताकर,,
मैं शैन:शैन: द्वार तेरे ठहरा आकर ||
करो मेरा स्वागत तुम गीत गाकर,,
मनाओ नवोत्सव नवदीप सजाकर ||

मैंने लाया इसवर्ष नवहर्ष जमाकर,,
प्रेम, प्यार, दुलार हज़ार छुपाकर ||
झूमो,नाचो,गाओ,खुशियाँ लुटाकर,,
द्वेष, घृणा, ईर्ष्या सारे बैर मिटाकर ||

भाई से भाई मिल जाए गले लगाकर,,
मित्र से बैरी सट जाए हाथ मिलाकर ||
मैया दे दुआ पुत्र को सीने से सटाकर,,
पिता खूब हर्षित हो बेटी को विदाकर ||

सूई को धागा मिला ले हँस – हँसाकर,,
कटार को म्याँन छुपा ले पास बुलाकर ||
हुस्न इश्क़ लुटा दे जहान को दिखाकर,,
ये पुष्प ख़ुशबू छान ले हवा से चुराकर ||

मैं दो हज़ार सत्रह आया तुम्हें बताकर,,
दिया संदेशा जो रखना गाँठ बँधाकर ||
लड़ना ना कभी आपस में तुम भुलाकर,,
खूब मनाओ अब नववर्ष तुम म..ज़ाकर ||

दिनेश एल० “जैहिंद”
31. 12. 2017

Language: Hindi
178 Views
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