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11 Feb 2017 · 1 min read

नववधु

#हाइकु#

पल में रोए
उजाड़ सी होकर
वो नववधु

महकती थी
बाबुल के आँगन
विदा हो रही

माँ की लाड़ली
आँगन की चिड़िया
है उड़ चली

बापू की परी
चुनरिया को ओढे़
पीहर छोडे़

जग की रीत
सजन घर जाना
निभा री सखी
सोनू हंस##

Language: Hindi
268 Views
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