Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2017 · 1 min read

नर-नारी

नारी नर जब मिल चलें, जीवन वाहन रूप I
सब राह मिल पार करें, कठिन हो या कुरूप II
कठिन हो या कुरूप, अब राह से क्या डरना I
हौसलों का जीवन, इक दिन सभी को मरना II
कहें विजय कविराय, जिंदगी होती प्यारी I
जग में नर के साथ, जब मिलकर चलें नारी II

1 Like · 434 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुलसी जयंती की शुभकामनाएँ।
तुलसी जयंती की शुभकामनाएँ।
Anil Mishra Prahari
साया ही सच्चा
साया ही सच्चा
Atul "Krishn"
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा  !
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
DrLakshman Jha Parimal
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
Neelam Sharma
*** मुफ़लिसी ***
*** मुफ़लिसी ***
Chunnu Lal Gupta
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
Dr fauzia Naseem shad
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मुक़द्दस पाक यह जामा,
मुक़द्दस पाक यह जामा,
Satish Srijan
कैनवास
कैनवास
Mamta Rani
आकलन करने को चाहिए सही तंत्र
आकलन करने को चाहिए सही तंत्र
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बासी रोटी...... एक सच
बासी रोटी...... एक सच
Neeraj Agarwal
"बेहतर है चुप रहें"
Dr. Kishan tandon kranti
*हल्द्वानी का प्रसिद्ध बाबा लटूरिया आश्रम (कुंडलिया)*
*हल्द्वानी का प्रसिद्ध बाबा लटूरिया आश्रम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बीते हुए दिनो का भुला न देना
बीते हुए दिनो का भुला न देना
Ram Krishan Rastogi
ऐसा तूफान उत्पन्न हुआ कि लो मैं फँस गई,
ऐसा तूफान उत्पन्न हुआ कि लो मैं फँस गई,
Sukoon
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चौकड़िया छंद के प्रमुख नियम
चौकड़िया छंद के प्रमुख नियम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"किस बात का गुमान"
Ekta chitrangini
सच में शक्ति अकूत
सच में शक्ति अकूत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
पूर्वार्थ
बीते कल की क्या कहें,
बीते कल की क्या कहें,
sushil sarna
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
2850.*पूर्णिका*
2850.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
Shweta Soni
चेहरे पे लगा उनके अभी..
चेहरे पे लगा उनके अभी..
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
Vishal babu (vishu)
रास नहीं आती ये सर्द हवाएं
रास नहीं आती ये सर्द हवाएं
कवि दीपक बवेजा
*
*"बापू जी"*
Shashi kala vyas
Loading...