Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2016 · 1 min read

नयनों की चोट

मुक्तक
वो लगाकर घात बैठे आज करने नैन चोट।
तृप्ति के आधार मुख पर कर लिये हैं केश ओट।
चाहतें मन में जगा उसने किया हमको अधीर।
फिर प्रणय की आस में दिल पर रहे हैं साँप लोट।
अंकित शर्मा’ इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)

Language: Hindi
388 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
View all
You may also like:
ओ मेरे गणपति महेश
ओ मेरे गणपति महेश
Swami Ganganiya
अपनी सीमाओं को लांगा
अपनी सीमाओं को लांगा
कवि दीपक बवेजा
मानवता है धर्म सत,रखें सभी हम ध्यान।
मानवता है धर्म सत,रखें सभी हम ध्यान।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
#लघु कविता
#लघु कविता
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन में प्यास की
जीवन में प्यास की
Dr fauzia Naseem shad
मानसिक शान्ति के मूल्य पर अगर आप कोई बहुमूल्य चीज भी प्राप्त
मानसिक शान्ति के मूल्य पर अगर आप कोई बहुमूल्य चीज भी प्राप्त
Paras Nath Jha
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
Shweta Soni
संघर्ष
संघर्ष
Sushil chauhan
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
Dr Archana Gupta
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"साहस"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
Sarfaraz Ahmed Aasee
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
Jitendra Chhonkar
💐प्रेम कौतुक-240💐
💐प्रेम कौतुक-240💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
मियाद
मियाद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
Ravi Prakash
नमस्कार मित्रो !
नमस्कार मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
रिश्ते के सफर जिस व्यवहार, नियत और सीरत रखोगे मुझसे
रिश्ते के सफर जिस व्यवहार, नियत और सीरत रखोगे मुझसे
पूर्वार्थ
नया फरमान
नया फरमान
Shekhar Chandra Mitra
रुई-रुई से धागा बना
रुई-रुई से धागा बना
TARAN VERMA
कुंडलिया
कुंडलिया
दुष्यन्त 'बाबा'
उधेड़बुन
उधेड़बुन
मनोज कर्ण
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
Abhinesh Sharma
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जबसे उनके हाथ पीले हो गये
जबसे उनके हाथ पीले हो गये
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अब किसपे श्रृंगार करूँ
अब किसपे श्रृंगार करूँ
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
प्रहार-2
प्रहार-2
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...