Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2016 · 1 min read

नयना ! बिन कहे सब कह जाता .

नयना ! बिन कहे सब कह जाता .
ठेस लगे तो छलक पड़े ,और खुश हो तो मुसकाता .
नयना ! बिन कहे सब कह जाता .
कितनी हसीं है दुनिया सारी , कुदरत की हर शै है न्यारी .
चाँद सितारे , धरती – गगन ,और सुंदर मुरति – सूरत प्यारी .
सब कुछ है आंखों की बदौलत ,नयन बिना क्या होता .
नयना ! बिन कहे सब कह जाता .
देने वाले ! क्या कर डाला ,आँख दिया पर ज्योति न डाला.
इनके लिए क्या दिन -क्या रातें ,कैसा अँधेरा – कैसा उजाला .
जानें कुछ लोगों को रब क्यूँ ,ऐसा दिन दिखलाता .
नयना ! बिन कहे सब कह जाता .
जाते -जाते काम जो कर गये ,अंधों पर एहसान जो कर गये .
ऐसे लोग मरेंगे कैसे , अपनी आँखें दान जो कर गये .
काश ! सभी ऐसे हो जाते ,अंधापन मिट जाता .
नयना ! बिन कहे सब कह जाता .
ठेस लगे तो छलक पड़े ,और खुश हो तो मुसकाता .
नयना ! बिन कहे सब कह जाता .
—— सतीश मापतपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
226 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*जन्मजात कवि थे श्री बृजभूषण सिंह गौतम अनुराग*
*जन्मजात कवि थे श्री बृजभूषण सिंह गौतम अनुराग*
Ravi Prakash
दान
दान
Mamta Rani
#अद्भुत_संस्मरण
#अद्भुत_संस्मरण
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्ते
रिश्ते
Ram Krishan Rastogi
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नेह निमंत्रण नयनन से, लगी मिलन की आस
नेह निमंत्रण नयनन से, लगी मिलन की आस
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
जिस घर में---
जिस घर में---
लक्ष्मी सिंह
रंगो ने दिलाई पहचान
रंगो ने दिलाई पहचान
Nasib Sabharwal
भारत के बदनामी
भारत के बदनामी
Shekhar Chandra Mitra
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
Sukoon
गर्मी की छुट्टियां
गर्मी की छुट्टियां
Manu Vashistha
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
Rj Anand Prajapati
वो क्या गिरा
वो क्या गिरा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
Neelam Sharma
चुप
चुप
Ajay Mishra
3071.*पूर्णिका*
3071.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सिखों का बैसाखी पर्व
सिखों का बैसाखी पर्व
कवि रमेशराज
मैं जान लेना चाहता हूँ
मैं जान लेना चाहता हूँ
Ajeet Malviya Lalit
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
जय लगन कुमार हैप्पी
“कवि की कविता”
“कवि की कविता”
DrLakshman Jha Parimal
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
Dr Archana Gupta
अवावील की तरह
अवावील की तरह
abhishek rajak
यादों का सफ़र...
यादों का सफ़र...
Santosh Soni
"कमल"
Dr. Kishan tandon kranti
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
*तू एक फूल-सा*
*तू एक फूल-सा*
Sunanda Chaudhary
कोई कैसे ही कह दे की आजा़द हूं मैं,
कोई कैसे ही कह दे की आजा़द हूं मैं,
manjula chauhan
Gazal 25
Gazal 25
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...