Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 1 min read

नजरे भी मिली यूं नजर से

नज़रे भी यूं मिल आई हैं नज़र से
ख़बरे भी जैसे मिली हो बेखबर से
**************************
बाद मुद्दत मिला सुकूं इस तरह से
बिछड़ा जैसे मिला हो हमसफ़र से
***************************
कपिल कुमार
06/10/2016

Language: Hindi
386 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
Keshav kishor Kumar
सम्बन्ध
सम्बन्ध
Shaily
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
आर.एस. 'प्रीतम'
कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस ,
कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
यूं ही कुछ लिख दिया था।
यूं ही कुछ लिख दिया था।
Taj Mohammad
मुक्तक
मुक्तक
Mahender Singh
जब से मेरी आशिकी,
जब से मेरी आशिकी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
एक बार हीं
एक बार हीं
Shweta Soni
वही दरिया के  पार  करता  है
वही दरिया के पार करता है
Anil Mishra Prahari
पुष्पदल
पुष्पदल
sushil sarna
किसी औरत से
किसी औरत से
Shekhar Chandra Mitra
फागुन होली
फागुन होली
Khaimsingh Saini
पहले नामकरण
पहले नामकरण
*Author प्रणय प्रभात*
सुकूं आता है,नहीं मुझको अब है संभलना ll
सुकूं आता है,नहीं मुझको अब है संभलना ll
गुप्तरत्न
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
Amit Pandey
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
पूर्वार्थ
तारों जैसी आँखें ,
तारों जैसी आँखें ,
SURYA PRAKASH SHARMA
*कुंडी पहले थी सदा, दरवाजों के साथ (कुंडलिया)*
*कुंडी पहले थी सदा, दरवाजों के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रभु नृसिंह जी
प्रभु नृसिंह जी
Anil chobisa
मायने रखता है
मायने रखता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"साहिल"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
मै हिन्दी का शब्द हूं, तू गणित का सवाल प्रिये.
मै हिन्दी का शब्द हूं, तू गणित का सवाल प्रिये.
Vishal babu (vishu)
बिन फले तो
बिन फले तो
surenderpal vaidya
क्यूं हँसते है लोग दूसरे को असफल देखकर
क्यूं हँसते है लोग दूसरे को असफल देखकर
Praveen Sain
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हाथ कंगन को आरसी क्या
हाथ कंगन को आरसी क्या
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
💐अज्ञात के प्रति-92💐
💐अज्ञात के प्रति-92💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
Loading...