Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2017 · 1 min read

नकल उन्मूलन

नकल से मंज़िल आसान नहीं होती।
बिन पंख के जैसे उड़ान नहीं होती।
ज्ञान से सफलता के खुलते हैं रास्ते,
बिन ज्ञान इंसान की पहचान नहीं होती।

सालभर क़िताबें खोलता नहीं है जो।
नई तरक़ीबें नकल की सोचता है वो।
अरे!कहदो उससे तुम-
ऐसे परीक्षाएँ पास नादान नहीं होती।
बिन पंख के……………।

धोखे-दौलत की डिग्री काम नहीं आती।
सुबह चाहे आए इसकी शाम नहीं आती।
अरे!कहदो उससे तुम-
क़ाग़ज़ी-फूलों में कभी जान नहीं होती।
बिन पंख के……………..।

करो मेहनत तुम ज़िन्दगी सँवर जाएगी।
वरना हार की हवा में ये बिखर जाएगी।
अरे!सुनलो कान खोल तुम-
चोरदिल होठों पर मुस्क़ान नहीं होती।

राधेश्याम “प्रीतम”
“””””””””””

Language: Hindi
Tag: गीत
439 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
💐प्रेम कौतुक-338💐
💐प्रेम कौतुक-338💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पघारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
पघारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
ऑनलाईन शॉपिंग।
ऑनलाईन शॉपिंग।
लक्ष्मी सिंह
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
लोग जाम पीना सीखते हैं
लोग जाम पीना सीखते हैं
Satish Srijan
जरूरत के हिसाब से ही
जरूरत के हिसाब से ही
Dr Manju Saini
"भरोसा"
Dr. Kishan tandon kranti
आगोश में रह कर भी पराया रहा
आगोश में रह कर भी पराया रहा
हरवंश हृदय
लघुकथा - एक रुपया
लघुकथा - एक रुपया
अशोक कुमार ढोरिया
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माॅ प्रकृति
माॅ प्रकृति
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
सबक ज़िंदगी पग-पग देती, इसके खेल निराले हैं।
सबक ज़िंदगी पग-पग देती, इसके खेल निराले हैं।
आर.एस. 'प्रीतम'
उल्फ़त का  आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
sushil sarna
भ्रमन टोली ।
भ्रमन टोली ।
Nishant prakhar
सच तो फूल होते हैं।
सच तो फूल होते हैं।
Neeraj Agarwal
2938.*पूर्णिका*
2938.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
There is no shortcut through the forest of life if there is
There is no shortcut through the forest of life if there is
सतीश पाण्डेय
हम छि मिथिला के बासी
हम छि मिथिला के बासी
Ram Babu Mandal
After becoming a friend, if you do not even talk or write tw
After becoming a friend, if you do not even talk or write tw
DrLakshman Jha Parimal
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
■ अनियंत्रित बोल और बातों में झोल।।
■ अनियंत्रित बोल और बातों में झोल।।
*Author प्रणय प्रभात*
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
Swara Kumari arya
जीना है तो ज़माने के रंग में रंगना पड़ेगा,
जीना है तो ज़माने के रंग में रंगना पड़ेगा,
_सुलेखा.
*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
शेखर सिंह
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
क्रिकेट
क्रिकेट
SHAMA PARVEEN
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
इन तन्हाइयों में तुम्हारी याद आएगी
इन तन्हाइयों में तुम्हारी याद आएगी
Ram Krishan Rastogi
Loading...