धूप खिली है आज धरा मुस्काई है
एक मुक्तक
********
धूप खिली है आज धरा मुस्काई है
ठिठुरन से भी राहत सबने पाई है
रंग बिरंगे फूल खिले हैं उपवन में
फागुन की मस्ती सी देखो छाई है
डॉ अर्चना गुप्ता
एक मुक्तक
********
धूप खिली है आज धरा मुस्काई है
ठिठुरन से भी राहत सबने पाई है
रंग बिरंगे फूल खिले हैं उपवन में
फागुन की मस्ती सी देखो छाई है
डॉ अर्चना गुप्ता