Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2017 · 2 min read

धनतेरस जुआ कदापि न खेलें

कार्तिक बदी त्रयोदसी मनाये जाने वाले त्यौहार ‘धनतेरस’ को ‘धन्वन्तरि जयंती’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन ही धन्वन्तरि वैद्य समुन्द्र से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस दिन हर परिवार में कुछ न कुछ इसलिए खरीदकर लाया जाता है क्योंकि इसी दिन देवी लक्ष्मी का घर में आवास माना जाता है।
इस दिन हर दुकानदार के क्रय-विक्रय का सारा कारोबार ‘नकद नारायण’ के बूते चलता है। इसलिये विभिन्न वस्तुओं की नकद खरीद-फरोख्त करते समय यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि यह खरीद आपकी जेब पर भारी न पड़े।
इस दिन गृहणियाँ अपनी-अपनी सामर्थ्य अनुसार पुराने बर्तनों को हटाकर नये बर्तनों से रसोई को सजा सकती हैं।
दार्शनिक, वैज्ञानिक, साहित्यिक और संगीत की अभिरुचि के लोग माँ सरस्वती की मिट्टी, चाँदी की मूर्ति या चित्र खरीदकर अपने घर के अध्ययन या साधना कक्ष में माँ सरस्वती को विराजमान कर सकते हैं। माँ सरस्वती भी लक्ष्मीजी की तरह माँ भगवती का ही एक रूप हैं, जो मनुष्य को आत्म-प्रकाश से भरती हैं। अतः आत्म-प्रकाश को वरीयता देने वाले व्यक्ति इस दिन अच्छी-अच्छी पुस्तकें खरीदकर अपनी अलमारियाँ सजा सकते हैं।
विभिन्न देवी-देवताओं की चाँदी की मूर्तियाँ खरीदकर घर के छोटे-से मंदिर को सजाने वाले व्यक्ति माँ लक्ष्मी से विशेष कृपा की आकांक्षा कर सकते हैं। मिट्टी की बनी हुई मूर्तियों से साधारण परिवार के लोग भी देवी-देवताओं की प्रतिष्ठा कर उनसे वरदान प्राप्त कर सकते हैं।
घर की शोभा बढ़ाने वाली हर वस्तु को धनतेरस के दिन खरीदा जा सकता है। वस्तु को खरीदने से पूर्व उसकी गुणवत्ता और मूल्य को परखा जाना अत्यंत आवश्यक है।
धनतेरस पर खरीदारी अवश्य करें, लेकिन अनावश्यक खरीदारी से बचें। मसलन यदि आपके घर में अच्छी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है तो कार का खरीदा जाना आपको मुश्किल पैदा कर सकता है।
धनतेरस पर धन जुटाने की चाह में जुआ कदापि न खेलें। आपका यह कर्म माँ लक्ष्मी को नहीं, लक्ष्मी को बड़ी बहन ‘दरिद्रा’ का आपके घर में स्थायी वास करा देगा।
ठीक इसी प्रकार चोरी, डकैती, फिरौती, घटतौली, मिलावटखोरी से कमाया धन भी आपके मन को प्रसन्न रखने के बजाय किसी न किसी अशुभ घड़ी में डाल सकता है और आपके घर दरिद्रता वास कर सकती है, इसलिए धनतेरस के दिन ऐसे अपकार्यों से बचते हुए केवल शुभ ही शुभ कर्म करें और संध्याकालीन रात्रिवेला में घर की देहरी पर दीपक रखकर केवल अपने ही घर तक नहीं, दूसरों के घर तक भी उसके प्रकाश को जाने दें। आपकी देहरी पर रखे दीपक की रोशनी जब गली या दूसरे के घर तक जायेगी तो माँ लक्ष्मी अवश्य ही आपके घर पधारेगीं।
————————————————————-
सम्पर्क- 15/109, ईसानगर, निकट थानासासनीगेट, अलीगढ़

Language: Hindi
Tag: लेख
255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
शक्ति राव मणि
पर खोल…
पर खोल…
Rekha Drolia
कविता : याद
कविता : याद
Rajesh Kumar Arjun
देर हो जाती है अकसर
देर हो जाती है अकसर
Surinder blackpen
उठो द्रोपदी....!!!
उठो द्रोपदी....!!!
Neelam Sharma
मां कालरात्रि
मां कालरात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
किस्मत की लकीरें
किस्मत की लकीरें
Dr Parveen Thakur
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
पूर्वार्थ
भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह ।
भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह ।
Arvind trivedi
दिन और रात-दो चरित्र
दिन और रात-दो चरित्र
Suryakant Dwivedi
*तन्हाँ तन्हाँ  मन भटकता है*
*तन्हाँ तन्हाँ मन भटकता है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम्हारी हँसी......!
तुम्हारी हँसी......!
Awadhesh Kumar Singh
💐 Prodigy Love-10💐
💐 Prodigy Love-10💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यह जनता है ,सब जानती है
यह जनता है ,सब जानती है
Bodhisatva kastooriya
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
--जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है --
--जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मोबाइल जब से चला, वार्ता का आधार
मोबाइल जब से चला, वार्ता का आधार
Ravi Prakash
"इस जगत में"
Dr. Kishan tandon kranti
बर्फ के टीलों से घर बनाने निकले हैं,
बर्फ के टीलों से घर बनाने निकले हैं,
कवि दीपक बवेजा
मैंने तुझे आमवस के चाँद से पूर्णिमा का चाँद बनाया है।
मैंने तुझे आमवस के चाँद से पूर्णिमा का चाँद बनाया है।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
वादा है अपना
वादा है अपना
Shekhar Chandra Mitra
2515.पूर्णिका
2515.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बापू गाँधी
बापू गाँधी
Kavita Chouhan
इमारत बड़ी थी वो
इमारत बड़ी थी वो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तूफान आया और
तूफान आया और
Dr Manju Saini
एक लड़का
एक लड़का
Shiva Awasthi
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
manjula chauhan
■ आंख खोलो अभियान
■ आंख खोलो अभियान
*Author प्रणय प्रभात*
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
Rj Anand Prajapati
Loading...