Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2017 · 1 min read

द्रौपदी ही अब हरेगी द्रौपदी के उर की पीड़ा

रोज होते हैं स्वयंवर, रोज होती द्यूत क्रीड़ा
है नहीं कोई हरे जो, द्रौपदी के उर की पीड़ा

दांव पर लगती है प्रतिदिन द्रौपदी क्षण क्षण यहां पर
आस्था थी कृष्ण में वह भी नहीं दिखते कहीं पर
कृष्ण बैठे द्वारिका में अब रचावें रासलीला
है नहीं कोई हरे जो द्रौपदी के उर की पीड़ा

है नहीं कोई धनुष, ना मत्स्य कोई है यहां पर
स्वर्ण के भंडार में ही लक्ष्य ढूंढे आज का वर
हो रहा है अश्रुओं से वधू का श्रंगार गीला
है नहीं कोई हरे जो द्रौपदी के उर की पीड़ा

सैंकड़ों ललनाएं प्रतिदिन भस्म होती हैं यहां पर
कामलोभी दानवों का घृणित नर्तन हो रहा पर
छुप गया पौरुष कहीं पर देख कर पशुता की क्रीड़ा
है नहीं कोई हरे जो द्रौपदी के उर की पीड़ा

आस तज अवलम्ब की नारी चली है अब समर पर
कर लिया निश्चय अटल होने न देगी अब स्वयंवर
ले लिया है रूप अब नारी ने दुर्गा सा सजीला
द्रौपदी ही अब हरेगी द्रौपदी के उर की पीड़ा

श्रीकृष्ण शुक्ल,
मुरादाबाद

674 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
Paras Nath Jha
अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳
अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳
Madhuri Markandy
*सबसे अच्छे मूर्ख हैं, जग से बेपरवाह (हास्य कुंडलिया)*
*सबसे अच्छे मूर्ख हैं, जग से बेपरवाह (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आपकी क्रिया-प्रतिक्रिया ही आपकी वैचारिक जीवंतता
आपकी क्रिया-प्रतिक्रिया ही आपकी वैचारिक जीवंतता
*Author प्रणय प्रभात*
जिस सामाज में रहकर प्राणी ,लोगों को न पहचान सके !
जिस सामाज में रहकर प्राणी ,लोगों को न पहचान सके !
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी आईने के
ज़िंदगी आईने के
Dr fauzia Naseem shad
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
मे गांव का लड़का हु इसलिए
मे गांव का लड़का हु इसलिए
Ranjeet kumar patre
अंहकार
अंहकार
Neeraj Agarwal
3235.*पूर्णिका*
3235.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"पुतला"
Dr. Kishan tandon kranti
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
gurudeenverma198
💐प्रेम कौतुक-295💐
💐प्रेम कौतुक-295💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं लिखूंगा तुम्हें
मैं लिखूंगा तुम्हें
हिमांशु Kulshrestha
माँ आज भी जिंदा हैं
माँ आज भी जिंदा हैं
Er.Navaneet R Shandily
आवाज़ दीजिए Ghazal by Vinit Singh Shayar
आवाज़ दीजिए Ghazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
Vishal babu (vishu)
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
Shweta Soni
" तुम्हारे इंतज़ार में हूँ "
Aarti sirsat
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
किसी वजह से जब तुम दोस्ती निभा न पाओ
किसी वजह से जब तुम दोस्ती निभा न पाओ
ruby kumari
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
Tarun Garg
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जज्बे का तूफान
जज्बे का तूफान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
33 लयात्मक हाइकु
33 लयात्मक हाइकु
कवि रमेशराज
मैं चला बन एक राही
मैं चला बन एक राही
AMRESH KUMAR VERMA
★मां का प्यार★
★मां का प्यार★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
जीवन में जीत से ज्यादा सीख हार से मिलती है।
जीवन में जीत से ज्यादा सीख हार से मिलती है।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
Rekha khichi
हिंदू-हिंदू भाई-भाई
हिंदू-हिंदू भाई-भाई
Shekhar Chandra Mitra
Loading...