Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2017 · 1 min read

दोहा

पलकें अनशन कर रहीं, आँखें बेउम्मीद
अगर मोल मिल जाय तो, ला दो कोई नींद

बेलन जब सर पर पड़े, चले न कोई जोर
बीबी जब मारन लगी, कर न पाये शोर

अतुल पुण्ढीर

Language: Hindi
380 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
Mahender Singh
भूला नहीं हूँ मैं अभी
भूला नहीं हूँ मैं अभी
gurudeenverma198
मैं  नहीं   हो  सका,   आपका  आदतन
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
Lohit Tamta
जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। न सुख, न दुःख,न नौकरी, न रिश
जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। न सुख, न दुःख,न नौकरी, न रिश
पूर्वार्थ
विचारों की अधिकता लोगों को शून्य कर देती है
विचारों की अधिकता लोगों को शून्य कर देती है
Amit Pandey
दुर्जन ही होंगे जो देंगे दुर्जन का साथ ,
दुर्जन ही होंगे जो देंगे दुर्जन का साथ ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
Subhash Singhai
अपना भी एक घर होता,
अपना भी एक घर होता,
Shweta Soni
"सुख"
Dr. Kishan tandon kranti
मन
मन
Sûrëkhâ Rãthí
राम आएंगे
राम आएंगे
Neeraj Agarwal
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
Bhupendra Rawat
प्यास
प्यास
sushil sarna
मोक्ष
मोक्ष
Pratibha Pandey
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
बारिश
बारिश
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
गर्दिश में सितारा
गर्दिश में सितारा
Shekhar Chandra Mitra
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
नरम दिली बनाम कठोरता
नरम दिली बनाम कठोरता
Karishma Shah
नववर्ष का आगाज़
नववर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
*कर्मफल सिद्धांत*
*कर्मफल सिद्धांत*
Shashi kala vyas
3091.*पूर्णिका*
3091.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
है आँखों में कुछ नमी सी
है आँखों में कुछ नमी सी
हिमांशु Kulshrestha
*नि:स्वार्थ विद्यालय सृजित जो कर गए उनको नमन (गीत)*
*नि:स्वार्थ विद्यालय सृजित जो कर गए उनको नमन (गीत)*
Ravi Prakash
मैं बंजारा बन जाऊं
मैं बंजारा बन जाऊं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...