Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2017 · 1 min read

दोहरी जिन्दगी

????
सच-झूठ का मुखौटा पहन खुद से अनजान।
दोहरी जिन्दगी जीने लगा है आज का इन्सान।।

युग नई, सोच नई,पुराने का हो रहा अवसान।
अपनी ही बनाई जाल में खुद फस रहा नादान।।

जख्मों से भरा सीना चेहरे पर झूठी मुस्कान।
कशमकश से भरी दोहरी जिन्दगी से परेशान।।

मन में रहे कुछ मुख से कुछ करता बखान।
दिखावे की चलन में खुद से बेखबर अनजान।।

गिरगिट सा रंग बदलता पल पल ये महान।
आयना भी देख कर खुद हो रहा है हैरान।।

मुख में राम बगल में छुरी झूठ की चादर तान।
दोहरी जिन्दगी जीते-जीते कभी थकता नहीं शैतान।।

आज तो इन्सान को ही खुद खा रहा इन्सान।
एक चेहरे पे कई चेहरे ओढ़ बनता है भगवान।।

हर एक मोड़ पर खड़ा है एक बहुरूपिया हैवान।
जानवर से भी ज्यादा खतरनाक बन गया इन्सान।।

योग्यता,सद्गुणों से आदमी की अब कहाँ पहचान।
ढ़ोग,आडंबर,दिखावे को नित मिल रहा सम्मान।।

तिरस्कृत, आहत, अपमानित, उपेक्षित हर गुणवान।
आज शिक्षा का व्यापार हो रहा, गुरू का अपमान।।

नित नये-नये स्वांग से करे साध्य सब अासान।
आज धर्म,ईमान सिर्फ़ पैसा,स्वार्थ हुआ बलवान।।

सजावट,दिखावट, मिलावट का हो रहा है मान।
असली से ज्यादा नकली बिक रहा हर सामान।।

लुट रही है सबकी खुशी,आज बिक रहा ईमान।
दर्द,घुटन,जलन,बेबस हर रिश्ते और अरमान।।

मानव प्रवृत्ति देखे अपना नहीं दूजे की फटी बनियान।
दोहरा होना जुर्म नहीं बशर्ते किसी का ना हो नुकसान।।

सच-झूठ का मुखौटा पहन खुद से अनजान।
दोहरी जिन्दगी जीने लगा आज हर इन्सान।।
????—लक्ष्मी सिंह?☺
नई दिल्ली

Language: Hindi
2 Likes · 728 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बुलेट ट्रेन की तरह है, सुपर फास्ट सब यार।
बुलेट ट्रेन की तरह है, सुपर फास्ट सब यार।
सत्य कुमार प्रेमी
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
Dr. Man Mohan Krishna
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
ताजन हजार
ताजन हजार
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
जानता हूं
जानता हूं
Er. Sanjay Shrivastava
Don't get hung up
Don't get hung up
पूर्वार्थ
जीवन का हर वो पहलु सरल है
जीवन का हर वो पहलु सरल है
'अशांत' शेखर
■ आदिकाल से प्रचलित एक कारगर नुस्खा।।
■ आदिकाल से प्रचलित एक कारगर नुस्खा।।
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी (उनतालीस) कविताएं
मेरी (उनतालीस) कविताएं
श्याम सिंह बिष्ट
एक दिन
एक दिन
Harish Chandra Pande
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
" मृत्यु "
Dr. Kishan tandon kranti
जय भवानी, जय शिवाजी!
जय भवानी, जय शिवाजी!
Kanchan Alok Malu
जिंदगी भर ख्वाहिशों का बोझ तमाम रहा,
जिंदगी भर ख्वाहिशों का बोझ तमाम रहा,
manjula chauhan
कुछ करो ऐसा के अब प्यार सम्भाला जाये
कुछ करो ऐसा के अब प्यार सम्भाला जाये
shabina. Naaz
कविता कि प्रेम
कविता कि प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
चंदन माँ पन्ना की कल्पनाएँ
चंदन माँ पन्ना की कल्पनाएँ
Anil chobisa
सच्चाई ~
सच्चाई ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
2444.पूर्णिका
2444.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारी आंखों का रंग हमे भाता है
तुम्हारी आंखों का रंग हमे भाता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हनुमान जयंती
हनुमान जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी
Dr. Upasana Pandey
मृत्यु संबंध की
मृत्यु संबंध की
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
gurudeenverma198
हिंदी
हिंदी
नन्दलाल सुथार "राही"
ख़बर ही नहीं
ख़बर ही नहीं
Dr fauzia Naseem shad
कुछ नींदों से ख़्वाब उड़ जाते हैं
कुछ नींदों से ख़्वाब उड़ जाते हैं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जब मुझसे मिलने आना तुम
जब मुझसे मिलने आना तुम
Shweta Soni
Loading...