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15 Jan 2017 · 1 min read

दोस्त

उम्र बित गये,
दोस्त बनाते बनाते ।
सफर कट गये,
उन्हें निभाते निभाते।
पर वो दोस्त मेरा,
कही खो सा गया ।
जो चलता था,
हर वक्त मुझे हंसाते हंसाते ।

याद आता है
उसका वो सताना,
कङवी बातो से,
मुझको रुलाना ।
बिना बात के ही,
फिर जोर से हंसाना ।

हर मुश्किल में मेरे,
उसका वो हौसला बढ़ाना ।
गलतियां करके ,
फिर बाद में पछताना ।

कुछ न बताने पर भी ,
उसका वो समझ जाना ।
मुझे पटक पटक कर ,
फिर गले से लगाना ।

देख मुझे,
उसका वो दुर से चिल्लाना ।
हर गलतियों पर मेरे ,
गालियों का बरसाना ।

मेरी मुरझाई आँखों को देख कर,
उसका वो कह जाना ।
“तु फिकर मत कर मै हूँ न ”
कुछ लफ्जों में ही ,
मेरे हर दर्द दिल की दवा कर जाना।

वो दर्द भी हसीन था मेरा,
जो जिंदगी में आया ।
उस पल में मैंने ,
तुमसा दोस्त जो पाया ।

” काजल सोनी “

Language: Hindi
404 Views
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