देश मेरा है बड़ा निराला
देश मेरा है बड़ा निराला
हर मजहब को चाहने वाला ,
हिंदू मुस्लिम सिक्ख इसाई
सबको सम हक देने वाला ।
देश मेरा है बड़ा निराला ।।
भेदभाव नहीं करे किसी से
देखे सबको एक नजर से ,
शरण में चाहे जो आए
घर मैं रख ले उन्हें खुशी से ।
आक्रमणकारी या व्यापारी
जिस नियत से जो भी आया ,
दामन फैलाकर इसने अपना
सबको आगे बढ़ अपनाया ।
पिछली सदियों में थे जो मेहमाँ
आजाद देश में अपने हो गए ,
जो संस्कृति के संहारक थे
वो शहंशाह उद्धारक हो गए ।
ऐसा अनूठा देश है मेरा
गैर किसी को न कहता है ,
जो भी इसमें रहने लग जाए
सबको अपना कहता है ।
डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली- 47