Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Dec 2016 · 1 min read

देश मेरा है बड़ा निराला

देश मेरा है बड़ा निराला
हर मजहब को चाहने वाला ,
हिंदू मुस्लिम सिक्ख इसाई
सबको सम हक देने वाला ।
देश मेरा है बड़ा निराला ।।
भेदभाव नहीं करे किसी से
देखे सबको एक नजर से ,
शरण में चाहे जो आए
घर मैं रख ले उन्हें खुशी से ।
आक्रमणकारी या व्यापारी
जिस नियत से जो भी आया ,
दामन फैलाकर इसने अपना
सबको आगे बढ़ अपनाया ।
पिछली सदियों में थे जो मेहमाँ
आजाद देश में अपने हो गए ,
जो संस्कृति के संहारक थे
वो शहंशाह उद्धारक हो गए ।
ऐसा अनूठा देश है मेरा
गैर किसी को न कहता है ,
जो भी इसमें रहने लग जाए
सबको अपना कहता है ।

डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली- 47

Language: Hindi
1 Comment · 471 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
प्यार का तेरा सौदा हुआ।
प्यार का तेरा सौदा हुआ।
पूर्वार्थ
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
Rap song (1)
Rap song (1)
Nishant prakhar
बेकारी का सवाल
बेकारी का सवाल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अनन्त तक चलना होगा...!!!!
अनन्त तक चलना होगा...!!!!
Jyoti Khari
2897.*पूर्णिका*
2897.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमें उम्र ने नहीं हालात ने बड़ा किया है।
हमें उम्र ने नहीं हालात ने बड़ा किया है।
Kavi Devendra Sharma
यह जो तुम कानो मे खिचड़ी पकाते हो,
यह जो तुम कानो मे खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
* सोमनाथ के नव-निर्माता ! तुमको कोटि प्रणाम है 【गीत】*
* सोमनाथ के नव-निर्माता ! तुमको कोटि प्रणाम है 【गीत】*
Ravi Prakash
जाने कैसे आँख की,
जाने कैसे आँख की,
sushil sarna
💐प्रेम कौतुक-159💐
💐प्रेम कौतुक-159💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आईना ही बता पाए
आईना ही बता पाए
goutam shaw
"श्रृंगार रस के दोहे"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
Kishore Nigam
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
Manisha Manjari
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
#एहतियातन...
#एहतियातन...
*Author प्रणय प्रभात*
When the ways of this world are, but
When the ways of this world are, but
Dhriti Mishra
ऐसा क्यों होता है
ऐसा क्यों होता है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
दिल की दहलीज पर कदमों के निशा आज भी है
दिल की दहलीज पर कदमों के निशा आज भी है
कवि दीपक बवेजा
नवगीत
नवगीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इश्क  के बीज बचपन जो बोए सनम।
इश्क के बीज बचपन जो बोए सनम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
चाँद तारे गवाह है मेरे
चाँद तारे गवाह है मेरे
shabina. Naaz
सर्दियों की धूप
सर्दियों की धूप
Vandna Thakur
मैं जाटव हूं और अपने समाज और जाटवो का समर्थक हूं किसी अन्य स
मैं जाटव हूं और अपने समाज और जाटवो का समर्थक हूं किसी अन्य स
शेखर सिंह
"युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वो भी बड़े अभागे होंगे या तो प्र
Urmil Suman(श्री)
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
_सुलेखा.
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...