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17 Jul 2017 · 1 min read

देशद्रोही छुप बैठे हैं

देशद्रोही छुप बैठे हैं, हिंदु वतन की रिक्तियों में।
ढूंढ-ढूंढ के मार गिराओं,, जहाँ दिखे गलियों में।।
कश्मिर धरा पर गद्दारों ने, ईमान का पतन किया।
देश रक्षकों पर उन दो कौडी,लोगों ने घात किया।।

नक्सलवादी से मिले हुये,उनके ही ये शाले हैं।।
मानवता का धर्म भुल गये, कै मकढी जाले है।।
ये हिंद देश के जवान हैं ,कैसे इनपे बाण किया।
आओं रणमें तुमकों मैंने,,सौंगन की आण दिया।।

तुं हिंद देशके गंदे मुखौंटे,,मानवता तुंकि कहां मरी।
देश जवानों पे पत्थर फेंके,,रूह थर ना कांप डरी।।
मोदी बेबश क्यों हों विपदा, हिंद देश आन पडी।
टपके आंसू सिना फौलादी,आयी रणजीत घड़ी।।

गठबंधन की गाठ बाद में,पहले जवाब चाहिए ।।
मोदीजी पत्थरबाजों की,अब हमें मौत चाहिए ।।
छोडे कैसे इन गद्दारों को,गद्दारी का सबक चाहिये।
नक्सलियों से मिले हुये,फिरसे सर्जिकल कराईये।

देशद्रोही लोग नक्सलियों से,खुशियों में नाच रहे,
जवानों कों जलील करके,, कुत्ते द्रोह फांद रहे।।
कैसी इनकी मर्दानी हैं , ईमान अपना बैच रहे।
मोदी सर्जिकल करना होगा,देश रोटी तोड़ रहे।।

जन उम्मीदें गाड रखी,मोदी एक ईशारा किजियें।
सेना मैदान मे तैयार खडी,हूकूम अपना दिजियें।।
गिरजाये सरकार भले ही,सेना का मान बचाईये।
अब उनकों सजा देकें ही छप्पन इंची सिना किजिये।।

रणजीत सिंह रणदेव चारणगांव
मुण्डकोशियां, राजसमंद
7300174927

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 347 Views
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