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9 Jul 2017 · 1 min read

देखो आई बरखा रानी

छाये काले काले बादल
जैसे हो आंखों का काजल
इस धरती की प्यास बुझाने
रिमझिम रिमझिम बरसे पानी
देखो आई बरखा रानी

कोयल गाये हो मतवाली
झूमे देखो डाली डाली
माटी की सौंधी खुशबू भी
लगती है जानी पहचानी
देखो आई बरखा रानी

रंगबिरंगे फूल खिलाती
बाग बगीचे सब महकाती
प्यारा कर श्रृंगार धरा का
उसे उढ़ाती चूनर धानी
देखो आई बरखा रानी

कागज़ की हम नाव बनाते
भीग भीग कर शोर मचाते
सुनते बात नहीं मम्मी की
बच्चे तो करते मनमानी
देखो आई बरखा रानी

डॉ अर्चना गुप्ता
08-07-2017

Language: Hindi
517 Views
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