Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2017 · 1 min read

दूरियां (मुक्तक)

मुक्तक

तुमसे मिले बिना यें मेरी जिन्दगी
अधूरी है।
मिल नही सकते हम-तुम यें कैसी मजबूरी है।
सिन्दूरी यें सांझ पिया आ देखो!
दिल मिल गयें जब आपस में फिर काहे की दूरी है।

सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड

Language: Hindi
342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राष्ट्रपिता
राष्ट्रपिता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बस्ते...!
बस्ते...!
Neelam Sharma
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
शेखर सिंह
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
प्रेम पाना,नियति है..
प्रेम पाना,नियति है..
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
gurudeenverma198
ईश्वर के रहते भी / MUSAFIR BAITHA
ईश्वर के रहते भी / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
रणजीत कुमार शुक्ल
रणजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
💐प्रेम कौतुक-268💐
💐प्रेम कौतुक-268💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आ भी जाओ
आ भी जाओ
Surinder blackpen
*कुछ पुरातन और थोड़ा, आधुनिक गठजोड़ है (हिंदी गजल)*
*कुछ पुरातन और थोड़ा, आधुनिक गठजोड़ है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
प्रदूषण-जमघट।
प्रदूषण-जमघट।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
Dr. Man Mohan Krishna
जब-जब तानाशाह डरता है
जब-जब तानाशाह डरता है
Shekhar Chandra Mitra
देश हमरा  श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
देश हमरा श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
DrLakshman Jha Parimal
त्याग समर्पण न रहे, टूट ते परिवार।
त्याग समर्पण न रहे, टूट ते परिवार।
Anil chobisa
जै जै अम्बे
जै जै अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"कष्ट"
Dr. Kishan tandon kranti
हौसला बुलंद और इरादे मजबूत रखिए,
हौसला बुलंद और इरादे मजबूत रखिए,
Yogendra Chaturwedi
हम घर रूपी किताब की वह जिल्द है,
हम घर रूपी किताब की वह जिल्द है,
Umender kumar
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
surenderpal vaidya
भाव गणित
भाव गणित
Shyam Sundar Subramanian
नाहक करे मलाल....
नाहक करे मलाल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
सुनो सखी !
सुनो सखी !
Manju sagar
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
कहे महावर हाथ की,
कहे महावर हाथ की,
sushil sarna
कविता
कविता
Rambali Mishra
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Manisha Manjari
दूर क्षितिज के पार
दूर क्षितिज के पार
लक्ष्मी सिंह
Loading...