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15 Mar 2017 · 1 min read

!! दुःख और सुख दोनो अच्छे हैं !!

क्यूं करता है चिंता कि दुःख
आ गया है मेरी झोली में
खुद को परेशां करता है,
कि हो गया अब नाश
सब मिल गया है मेरी झोली में..

आ गया है तो जाएगा भी
यह कहीं नहीं रूकता है
तेरे सुख की छाया में
इस का भी आना बेहद
जरूरी है दोस्त यह तेरी झोली में…

अपना आपा खोकर इंसान
खुद ही संकट बढाता है
इस का तो साथ है चोली
दामन का फिर क्यूं रोता है
लौट आएगी खुशियन फिर तेरी झोली में..

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
204 Views
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