Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2017 · 1 min read

दीप

स्वरचित
आ दीप जला तू खुशियो का ………
आ दीप जला तू खुशियों का मिटा हर दुख का अंधियारा
कुछ तो कर सर्व हित में के य़ाद करें तुझे जग सारा

नव आशाओं का दीप तू बन,
मोती भी बन और सीप तू बन
ना -उम्मीदों की उम्मीद तू बन,
सरहद पर बढती रंजिश में ,जोडे दिल जो वो प्रीत तू बन
जो सुख दे सबके मन को, हाँ ऐसा सा संगीत तू बन
तु सुर भी बन और तान भी बन
अर्मान भी बन,पहचान भी मन
तु देश का गौरव- अभिमान भी बन
सुन ! तन से तो तू एक मानव है
पर कर्मों से भी इंसान तू बन
अा दीप जला तू खुशियों का,बदलाव की नव पहचान तू बन

तम दूर भगा,गम दूर भगा नित प्रेम का तू दीप जगा
जीवन पथ पर जो हार गए उनमें जाकर कुछ ज्ञान जगा

तु दीप बनकर तिमिर हटा,
सूरज वाला प्रकाश तू बन
बुझे मन का विश्वास तू बन,
सब लें पायें उडान अपनी
प्रेरित कर,उनका आकाश तू बन

**नीलम शर्मा **

Language: Hindi
Tag: गीत
324 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माँ शारदे-लीला
माँ शारदे-लीला
Kanchan Khanna
कैसे भूल जाएं...
कैसे भूल जाएं...
Er. Sanjay Shrivastava
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
umesh mehra
■ भगवान भला करे वैज्ञानिकों का। 😊😊
■ भगवान भला करे वैज्ञानिकों का। 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
दिल धड़क उठा
दिल धड़क उठा
Surinder blackpen
నమో నమో నారసింహ
నమో నమో నారసింహ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
"प्यार का सफ़र" (सवैया छंद काव्य)
Pushpraj Anant
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
Anil Mishra Prahari
इकिगाई प्रेम है ।❤️
इकिगाई प्रेम है ।❤️
Rohit yadav
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
SHAMA PARVEEN
भू- भूधर पहने हुये, बर्फीले परिधान
भू- भूधर पहने हुये, बर्फीले परिधान
Dr Archana Gupta
कोहिनूराँचल
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
** शिखर सम्मेलन **
** शिखर सम्मेलन **
surenderpal vaidya
23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
नव लेखिका
दुनिया जमाने में
दुनिया जमाने में
manjula chauhan
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
Dr. Narendra Valmiki
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तिरंगा
तिरंगा
Satish Srijan
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भगतसिंह का क़र्ज़
भगतसिंह का क़र्ज़
Shekhar Chandra Mitra
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
जगदीश शर्मा सहज
नयी शुरूआत
नयी शुरूआत
Dr fauzia Naseem shad
शिवरात्रि
शिवरात्रि
ऋचा पाठक पंत
......... ढेरा.......
......... ढेरा.......
Naushaba Suriya
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
sushil sarna
बाल  मेंहदी  लगा   लेप  चेहरे  लगा ।
बाल मेंहदी लगा लेप चेहरे लगा ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
जीवन की परख
जीवन की परख
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
(वक्त)
(वक्त)
Sangeeta Beniwal
Loading...