Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2016 · 1 min read

दीपावली

रौशनी का है त्यौहार दीपावली
करती खुशियों की बौछार दीपावली

दूर कर मन कलुष बाँटती नेह है
प्रीत का देती उपहार दीपावली

साथ मिलकर सभी हैं मनाते इसे
एक करती है परिवार दीपावली

हर जगह सज रही दीपमाला यहाँ
कर रही भू का श्रृंगार दीपावली

दीप मन में ख़ुशी के जलाकर सुनो
हर रही गम का अँधियार दीपावली

चाँद की याद भी आती इस दिन नहीं
जगमगाती यूँ संसार दीपावली

मात लक्ष्मी की करते सभी अर्चना
भरती मन में है संस्कार दीपावली

डॉ अर्चना गुप्ता

3 Likes · 1 Comment · 658 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
23/204. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/204. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपमान समारोह: बुरा न मानो होली है
अपमान समारोह: बुरा न मानो होली है
Ravi Prakash
दर्द का बस एक
दर्द का बस एक
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-239💐
💐प्रेम कौतुक-239💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विजयादशमी
विजयादशमी
Mukesh Kumar Sonkar
बुंदेली दोहा-
बुंदेली दोहा- "पैचान" (पहचान) भाग-2
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मोहब्बत
मोहब्बत
Dinesh Kumar Gangwar
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
शेखर सिंह
Ye chad adhura lagta hai,
Ye chad adhura lagta hai,
Sakshi Tripathi
मेरा शरीर और मैं
मेरा शरीर और मैं
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सदियों से रस्सी रही,
सदियों से रस्सी रही,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कोई कैसे अपने ख्वाईशो को दफनाता
कोई कैसे अपने ख्वाईशो को दफनाता
'अशांत' शेखर
एक सन्त: श्रीगुरु तेग बहादुर
एक सन्त: श्रीगुरु तेग बहादुर
Satish Srijan
बहरों तक के कान खड़े हैं,
बहरों तक के कान खड़े हैं,
*Author प्रणय प्रभात*
रंग रंगीली होली आई
रंग रंगीली होली आई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बचपन
बचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"आशा" के कवित्त"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
मेरी (उनतालीस) कविताएं
मेरी (उनतालीस) कविताएं
श्याम सिंह बिष्ट
स्त्री चेतन
स्त्री चेतन
Astuti Kumari
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आप और हम जीवन के सच............. हमारी सोच
आप और हम जीवन के सच............. हमारी सोच
Neeraj Agarwal
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रचनात्मकता ; भविष्य की जरुरत
रचनात्मकता ; भविष्य की जरुरत
कवि अनिल कुमार पँचोली
*शुभ रात्रि हो सबकी*
*शुभ रात्रि हो सबकी*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जग जननी
जग जननी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फ़कत इसी वजह से पीछे हट जाते हैं कदम
फ़कत इसी वजह से पीछे हट जाते हैं कदम
gurudeenverma198
प्रेम बनो,तब राष्ट्र, हर्षमय सद् फुलवारी
प्रेम बनो,तब राष्ट्र, हर्षमय सद् फुलवारी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रमेशराज की तेवरी
रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
"आँखें तो"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...