Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 1 min read

दिल को सादर करो

प्रीतिमय व्योम बन दिल को सादर करो|
वह सहम जाएगा, ना अनादर करो |

उर सुलह जीत औ नेह-आधार है |
वह जवानी-सुआकर्ष की धार है |
हिय नहीं तो जगत भी निराधार है|
भाव गह किंतु मैली, ना चादर करो|

प्रीतिमय व्योम बन दिल को सादर करो|
वह सहम जाएगा, ना अनादर करो|

उर दुखाना कथानक पुराना हुआ|
अब मिलन का सुसाधन जमाना हुआ|
जग-भँवर में न फँसना जगत क्षार है|
आत्म-धन को धरम-गुरु -सा बादर करो|

प्रीतमय व्योम बन दिल को सादर करो |
वह सहम जाएगा, ना अनादर करो |

दिव्य अंतःकरण शुभ-अमिट प्यार है |
संस्कृति की सुआभा का त्योहार है |
चित्-सु आनंदरूपी सुखाधार है|
दीप्ति पहिचानों व इसका आदर करो|

प्रीतिमय व्योम बन दिल को सादर करो |
वह सहम जाएगा, ना अनादर करो |

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

चित्=आत्मा

Language: Hindi
Tag: गीत
748 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
आप नहीं तो ज़िंदगी में भी कोई बात नहीं है
आप नहीं तो ज़िंदगी में भी कोई बात नहीं है
Yogini kajol Pathak
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
umesh mehra
हे कृतघ्न मानव!
हे कृतघ्न मानव!
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मनुष्य प्रवृत्ति
मनुष्य प्रवृत्ति
विजय कुमार अग्रवाल
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
हिम्मत है तो मेरे साथ चलो!
हिम्मत है तो मेरे साथ चलो!
विमला महरिया मौज
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
अपनों को नहीं जब हमदर्दी
अपनों को नहीं जब हमदर्दी
gurudeenverma198
Weekend
Weekend
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गाँधी हमेशा जिंदा है
गाँधी हमेशा जिंदा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आज आप जिस किसी से पूछो कि आप कैसे हो? और क्या चल रहा है ज़िं
आज आप जिस किसी से पूछो कि आप कैसे हो? और क्या चल रहा है ज़िं
पूर्वार्थ
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सीख
सीख
Dr.Pratibha Prakash
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
Sangeeta Beniwal
गदगद समाजवाद है, उद्योग लाने के लिए(हिंदी गजल/गीतिका)
गदगद समाजवाद है, उद्योग लाने के लिए(हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
मुसलसल ईमान रख
मुसलसल ईमान रख
Bodhisatva kastooriya
* धरा पर खिलखिलाती *
* धरा पर खिलखिलाती *
surenderpal vaidya
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
अधीर मन खड़ा हुआ  कक्ष,
अधीर मन खड़ा हुआ कक्ष,
Nanki Patre
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
Ram Krishan Rastogi
लोग कहते हैं खास ,क्या बुढों में भी जवानी होता है।
लोग कहते हैं खास ,क्या बुढों में भी जवानी होता है।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
आज की प्रस्तुति: भाग 4
आज की प्रस्तुति: भाग 4
Rajeev Dutta
दीवाना हूं मैं
दीवाना हूं मैं
Shekhar Chandra Mitra
जागो तो पाओ ; उमेश शुक्ल के हाइकु
जागो तो पाओ ; उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
#अभिनंदन
#अभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
****जानकी****
****जानकी****
Kavita Chouhan
Loading...