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4 Dec 2016 · 1 min read

दिल से जरा गुजरना साहब

कष्टों से क्या डरना साहब
रोज रोज क्या मरना साहब

लगे हुए हम सब लाइन में
इक दिन पार उतरना साहब

पूजा पाठ भले मत करना
पीर किसी की हरना साहब

किसी और की हरी दूब को
कभी नहीं अब चरना साहब

विहग प्रीति के उड़ने देना
उनके पर न कतरना साहब

सागर गहरा है, होने दो
बन कर द्वीप उभरना साहब

राम रहीम मिलेंगे दोनों
दिल से जरा गुजरना साहब

2 Comments · 624 Views
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