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2 Dec 2016 · 1 min read

दिल मेरा कियूं आजकल बेपनाह उदास है

एक रचना…………………आपकी नजर

अजीब सी है खलिश अजीब अहसास है
दिल मेरा कियूं आजकल बेपनाह उदास है
*******************************
हंसी भी है बुझी बुझी दर्द दिल के पास है
ख़ुश्क सी है जिंदगी अजीब एक प्यास है
********************************
है वजह कुछ भी नही बात न कुछ खास है
दिल भी है ख़फा ख़फा न होश न हवास है
********************************
खुद पे ही कियूं ए दिल अब नही विश्वास है
टूट न अभी जिंदगी बाकी अभी भी आस है
*********************************
आज हरेक ढोह रहा अब अपनी ही लाश है
फिर भी हरेक को यहां जिंदगी की तलाश है
*********************************
कपिल कुमार
2/12/2016
.

454 Views
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