Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2017 · 1 min read

दिल की सुनो

दिल की सुनो
दिल क्या चाहत हैं ……
जहां दिल रोता हो ,
वहां कभी न रहा करो ……
डिप्रेशन ज्यादा ही बढ़ जाता हैं !
कभी टूटता हैं ,
कभी बिखर जाता हैं ……
बिखरे दिल को समेटते समेटते ,
वर्षों लग जाते हैं उम्र ढल जाती हैं !

Language: Hindi
285 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐अज्ञात के प्रति-83💐
💐अज्ञात के प्रति-83💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*****आज़ादी*****
*****आज़ादी*****
Kavita Chouhan
पितर
पितर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पर्वत 🏔️⛰️
पर्वत 🏔️⛰️
डॉ० रोहित कौशिक
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
Rj Anand Prajapati
* जिन्दगी में *
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
परीक्षा है सर पर..!
परीक्षा है सर पर..!
भवेश
*मुख पर गजब पर्दा पड़ा है क्या करें【मुक्तक 】*
*मुख पर गजब पर्दा पड़ा है क्या करें【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
बिहार में दलित–पिछड़ा के बीच विरोध-अंतर्विरोध की एक पड़ताल : DR. MUSAFIR BAITHA
बिहार में दलित–पिछड़ा के बीच विरोध-अंतर्विरोध की एक पड़ताल : DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
In the end
In the end
Vandana maurya
जिंदगी
जिंदगी
विजय कुमार अग्रवाल
"खबर"
Dr. Kishan tandon kranti
इतनी महंगी हो गई है रिश्तो की चुंबक
इतनी महंगी हो गई है रिश्तो की चुंबक
कवि दीपक बवेजा
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अनेक मौसम
अनेक मौसम
Seema gupta,Alwar
चार दिनों की जिंदगी है, यूँ हीं गुज़र के रह जानी है...!!
चार दिनों की जिंदगी है, यूँ हीं गुज़र के रह जानी है...!!
Ravi Betulwala
गंवई गांव के गोठ
गंवई गांव के गोठ
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
Sandeep Kumar
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
जय लगन कुमार हैप्पी
ना होगी खता ऐसी फिर
ना होगी खता ऐसी फिर
gurudeenverma198
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
गजब गांव
गजब गांव
Sanjay ' शून्य'
*कालरात्रि महाकाली
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
Today i am thinker
Today i am thinker
Ms.Ankit Halke jha
नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Dear myself,
Dear myself,
पूर्वार्थ
प्रिय भतीजी के लिए...
प्रिय भतीजी के लिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*एक चूहा*
*एक चूहा*
Ghanshyam Poddar
"ईश्वर की गति"
Ashokatv
Loading...