Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2017 · 1 min read

दिल करता है……………. कर देता हूँ |गीत| “मनोज कुमार”

मैं और मेरी कलम……………..

दिल करता है जब जब में,लिख देता हूँ |
मैं अपनी कलम से अपना, दर्द बयाँ कर देता हूँ ||

मैं और मेरी कलम हम दोनों, एक दूजे के साथी है |
इसके बिना अधूरा हूँ मैं, मेरे बिना ये आधी है ||
तीखी हों या मीठी बातें, सब कुछ साफ कह देता हूँ |
दिखे आइना जैसा सब कुछ, अपनी कलम से कहता हूँ ||

दिल करता है जब जब में, लिख देता हूँ |
मैं अपनी कलम से अपना, दर्द बयाँ कर देता हूँ ||

इससे वफा में करता हूँ, बहुत जबरदस्त ये लिखती है |
सपनों को साकार करे ये, मन प्रफुल्लित करती है ||
नन्ही कलम हूँ छोटी सी, पूजा इसकी करता रहूँ |
दिल छू ले ऐसी बातें, और प्रेम गीत रचता रहूँ ||

दिल करता है जब जब में, लिख देता हूँ |
मैं अपनी कलम से अपना, दर्द बयाँ कर देता हूँ ||

बिना कलम के वीणापाणी, मैं तो जी सकता नही |
रुके कलम ना मेरी माँ, शारदे विनती करता यही ||
सरस सरल और मीठा सा, ताना बाना बुनता रहूँ |
करता है “मनोज” कामना, प्यारा सा लिखता रहूँ ||

दिल करता है जब जब में, लिख देता हूँ |
मैं अपनी कलम से अपना, दर्द बयाँ कर देता हूँ ||

( मनोज कुमार )

Language: Hindi
Tag: गीत
392 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मरने से पहले / मुसाफ़िर बैठा
मरने से पहले / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
Paras Nath Jha
3215.*पूर्णिका*
3215.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देशभक्ति जनसेवा
देशभक्ति जनसेवा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
// प्रसन्नता //
// प्रसन्नता //
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
Sanjay ' शून्य'
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
तुम भी 2000 के नोट की तरह निकले,
तुम भी 2000 के नोट की तरह निकले,
Vishal babu (vishu)
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
जुनून
जुनून
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*तितली आई 【बाल कविता】*
*तितली आई 【बाल कविता】*
Ravi Prakash
'उड़ान'
'उड़ान'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दो कदम का फासला ही सही
दो कदम का फासला ही सही
goutam shaw
मेरा ब्लॉग अपडेट दिनांक 2 अक्टूबर 2023
मेरा ब्लॉग अपडेट दिनांक 2 अक्टूबर 2023
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बिल्कुल नहीं हूँ मैं
बिल्कुल नहीं हूँ मैं
Aadarsh Dubey
पहले तेरे हाथों पर
पहले तेरे हाथों पर
The_dk_poetry
बिन सूरज महानगर
बिन सूरज महानगर
Lalit Singh thakur
जरूरी तो नहीं
जरूरी तो नहीं
Madhavi Srivastava
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
Anil Mishra Prahari
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
Mahendra Narayan
खुद को संभालो यारो
खुद को संभालो यारो
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
Subhash Singhai
जननी
जननी
Mamta Rani
लोगों के अल्फाज़ ,
लोगों के अल्फाज़ ,
Buddha Prakash
जिंदगी है एक सफर,,
जिंदगी है एक सफर,,
Taj Mohammad
अस्तित्व
अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...