Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2016 · 1 min read

गीतिका /गजल

परीक्षा जिन्दगी की, हल को बारम्बार पढ़ लेना
अनूठी जिन्दगी है यह, सही आधार पढ़ लेना |१

कभी ऊपर कभी नीचे, कभी चलती समानांतर
बिना घबराये तुम धीरज से, जीवन सार पढ़ लेना |२

नहीं है तोड़ना आसां ये, जीवन भर के रिश्तों को
कभी कुछ वक्त हो तो तुम, नयन में प्यार पढ़ लेना |३

अगर महफ़िल में जाओ, तुम कभी तो याद यह रखना
वहाँ कुछ नामवर शायर के, कुछ अशयार पढ़ लेना |४

ज़माना है बहुत स्वार्थी, यहाँ सब मतलबी दुनिया
न हो विश्वास तुमको तो, कभी अखबार पढ़ लेना |५

कहूँ क्या अब यहाँ दिल की, कथायें सब अभी तुमको
बनेगी सुर्खियाँ जब तुम, खबर दो चार पढ़ लेना |६

© कालीपद ‘प्रसाद’

458 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत)
उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत)
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुंंडलिया-छंद:
कुंंडलिया-छंद:
जगदीश शर्मा सहज
बिल्ली
बिल्ली
SHAMA PARVEEN
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
"कब तक छुपाहूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
Kuldeep mishra (KD)
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
चोर उचक्के सभी मिल गए नीव लोकतंत्र की हिलाने को
चोर उचक्के सभी मिल गए नीव लोकतंत्र की हिलाने को
Er. Sanjay Shrivastava
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
जय लगन कुमार हैप्पी
ऐ ज़ालिम....!
ऐ ज़ालिम....!
Srishty Bansal
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
डिजेन्द्र कुर्रे
चंद्रयान-3 / (समकालीन कविता)
चंद्रयान-3 / (समकालीन कविता)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
Subhash Singhai
"चालाक आदमी की दास्तान"
Pushpraj Anant
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
इंसान और कुता
इंसान और कुता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
राखी की यह डोर।
राखी की यह डोर।
Anil Mishra Prahari
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
छह दिसबंर / मुसाफ़िर बैठा
छह दिसबंर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
तमाम आरजूओं के बीच बस एक तुम्हारी तमन्ना,
तमाम आरजूओं के बीच बस एक तुम्हारी तमन्ना,
Shalini Mishra Tiwari
मार नहीं, प्यार करो
मार नहीं, प्यार करो
Shekhar Chandra Mitra
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जब तक रहेगी ये ज़िन्दगी
जब तक रहेगी ये ज़िन्दगी
Mr.Aksharjeet
प्रबुद्ध प्रणेता अटल जी
प्रबुद्ध प्रणेता अटल जी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
अनिल कुमार
जिन्दगी
जिन्दगी
Ashwini sharma
"किसने कहा कि-
*Author प्रणय प्रभात*
जय श्री राम
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
Loading...