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10 May 2017 · 1 min read

दामिनी जिंदा है अभी

आज निर्भया यानी दामिनी या असली नाम ज्योति का जन्मदिन है। ज्योति की मां ने आज पत्रकार को उसका कमरा खोल कर दिखाया।
निर्भया पर तब लिखी एक कविता यहां प्रस्तुत है।

दामिनी अभी जिन्दा है

दामिनी जिन्दा है अभी
अगर वह मर गई होती
राष्ट्र को इस तरह
जिन्दा न कर गई होती
वह जिन्दा है
मुझ में, तुझ में
धरती के अंगारों में
चाँद और सितारों में
आज के नौजवान की धड़कनों में
किरणों के चमकते किनारों में
रूह उस की घूम घूम कर
कह रही है
उठो जागो
गफलतें त्यागो
नही सहो अब
आतंकी अत्याचार
ले आओ बदलाव अब
देश की बेटियों की
करो संभाल
रहना चाहते हो जिन्दा
नहीं तो प्रलय का
एक ऐसा झोंका आएगा
नहीं बचेगा कुछ भी
न यह राज
न यह समाज
न यह सभ्यता
न यह सृष्टि
न यह इंसान
न भगवान् ।

Language: Hindi
371 Views
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