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2 Nov 2016 · 1 min read

दाग नफरत का

मुक्तक
लिखे अल्फाज कुछ नम जिंदगी की इस कहानी में।
बहे जज्बात के सब रंग भी आंखों के’ पानी में।
धुआं है मुस्कुराहट गुम खुशी दिल से हुई ऐसे।
लगा हो दाग नफरत का धरा की इस जवानी में।
अंकित शर्मा’ इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)

Language: Hindi
2 Likes · 416 Views
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