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1 Mar 2017 · 1 min read

दर्द

दर्द
✍✍

दर्द का तूफान हो तब गजल बनती है
मर्ज प्रेम का गंभीर हो गजल सजती है
आह से दिल की पीर जब बयां होती है
सिसकियों में तेरी मेरी गजल पलती है

तेरी शोख अदाओं ने दर्द प्याला दिया
जुल्फे लहराई तो इश्क का ताला दिया
खो गया वजूद मेरा मैं वैरागी हो गया
सिमट कर आगोश ने लबों का प्याला दिया

एक रोज की तेरी तन्हाई ने दर्द किया
साथ जो नहीं मुझे मिला उसने सर्द किया
जी न सका और मर भी न सका जब मैं
राह की चोटों ने मुझे जब सख्त मर्द किया

जब न मिले प्यार तो दर्द दिल में होता है
आशिक न दिन न रात की नींद सोता है
ख्वाहिशों के फूल न बंजर में खिला करते
बेचारा जहाँ के साथ खुद को खो देता है

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
74 Likes · 421 Views
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