Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2017 · 1 min read

दर्द बेटियों का

हर्षित था परिवार सबको था किसी का इंतजार

कोई बेटे कोई भतीजे तो कोई पोते को था बेकरार

कुछ पल में बो आई बारी घरभर में गूंजी किलकारी

लगा शायद अपनों के दिल टूटने से बो रो रही बेचारी

आंखें कजरारी जिसकी सूरत चांद से प्यारी

सपने अपने भूल कर हरकोई उसपर बलिहारी

कुदरत का उपहार मिला उसको भी सबका प्यार मिला

बस बेटे की चाह का सबको थोड़ा इंतजार मिला

किलकारी कब बोल हो गईं बातें उसकी अनमोल हो गईं

खाना बनाना सीख गई कब रोटियाँ उसकी गोल हो गईं

फिर जब बो आई घड़ी हरकिसी की उत्सुकता बड़ी

जांच कराया फिर बेटी थी दिल में निर्लज सोच पड़ी

इंसानियत पर वार किया रिश्तों को तारतार किया

दया ना आई अपनी बेटी पर जिसको कोख में मार दिया

मां हरलम्हां रो रही बेटी मां से पूछ रही

बताओ मेरी छोटी बहिन तू क्यों मुझसे छुपा रही

कैसे तुम कैलाशी हो अमरनाथ हो या काशी हो

मेरे प्रभू मुझको बता क्या तुम भी भारतवासी हो

तू सो रहा तेरा जग रो रहा

तेरी भूमि पर यह सब क्या हो रहा

बेटे को पढाया हर ओर आगे बड़ाया

बेटी को क्यों दहलीज के अंदर छुपाया

ना पड़ने दिया ना आगे बड़ने दिया

हाथ पीले कर घर से घर में रहने दिया

दुनिया ने सताया हर गम अपना छुपाया

बेटी ने एक नहीं दो घरों को स्वर्ग बनाया

अब तो रहने दो उनको भी कुछ कहने दो

एक बार बेटियों को बिना बंदिशों के जीने दो

1 Comment · 951 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता
कविता
Rambali Mishra
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
2865.*पूर्णिका*
2865.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*कभी कभी यह भी होता है, साँस न वापस आती (गीत )*
*कभी कभी यह भी होता है, साँस न वापस आती (गीत )*
Ravi Prakash
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
Tarun Garg
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
Swami Ganganiya
स्वाभिमानी किसान
स्वाभिमानी किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मंजिलें भी दर्द देती हैं
मंजिलें भी दर्द देती हैं
Dr. Kishan tandon kranti
!! मन रखिये !!
!! मन रखिये !!
Chunnu Lal Gupta
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
......तु कोन है मेरे लिए....
......तु कोन है मेरे लिए....
Naushaba Suriya
नारी- स्वरूप
नारी- स्वरूप
Buddha Prakash
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
*अच्छी आदत रोज की*
*अच्छी आदत रोज की*
Dushyant Kumar
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
Sukoon
कविता// घास के फूल
कविता// घास के फूल
Shiva Awasthi
त्रिया चरित्र
त्रिया चरित्र
Rakesh Bahanwal
रुदंन करता पेड़
रुदंन करता पेड़
Dr. Mulla Adam Ali
" यकीन करना सीखो
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*Hey You*
*Hey You*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"हास्य कथन "
Slok maurya "umang"
चरचा गरम बा
चरचा गरम बा
Shekhar Chandra Mitra
💐अज्ञात के प्रति-147💐
💐अज्ञात के प्रति-147💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ जीवन मूल्य।
■ जीवन मूल्य।
*Author प्रणय प्रभात*
यह जो तुम कानो मे खिचड़ी पकाते हो,
यह जो तुम कानो मे खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
Manisha Manjari
**** बातें दिल की ****
**** बातें दिल की ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
डॉ. जसवंतसिंह जनमेजय का प्रतिक्रिया पत्र लेखन कार्य अभूतपूर्व है
डॉ. जसवंतसिंह जनमेजय का प्रतिक्रिया पत्र लेखन कार्य अभूतपूर्व है
आर एस आघात
Loading...