Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2017 · 1 min read

*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***

*******

तोड़ के घरोंदा उस जीव का
बेघर कर दिया ओ तूने
इक पथर जरा उछाल दे अपने
घर के शीशे पर ओ घरोंदा तोड़ने वाले !!

तू तो बनवा लेगा किसी और के हाथो से
धन को कमा लेगा फिर अपनी चालों से
उस का तो नहीं कोई भी बना के देने वाला
क्यूं उस को उजाड़ दिया पथर मारने वाले !!

वो कह नहीं सकता कि क्यूं उजड़ा दिया मुझको
मेरे परिवार ने क्या बिगाड़ा जो भगा दिया मुझको
मैंने तिनका तिनका इकठा कर के बनाया था
जरा एक बार तो सोचता मुझे बेघर करने वाले !!

रात का समां आ गया है, किस का ढूँढू में आसरा
मेरे मासूम से इन जीवों को शायद ही मिलेगा आसरा
बरसात का मौसम है, आंधी भी परेशां करेगी सबको
क्या कभी आंधी तूफ़ान में तूने घर बनाया है ओ मारने वाले ??

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
आदिशक्ति वन्दन
आदिशक्ति वन्दन
Mohan Pandey
*Max Towers in Sector 16B, Noida: A Premier Business Hub 9899920149*
*Max Towers in Sector 16B, Noida: A Premier Business Hub 9899920149*
Juhi Sulemani
*वनवास हो या राजपद, जिनको सदैव समान है (मुक्तक)*
*वनवास हो या राजपद, जिनको सदैव समान है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मानसिकता का प्रभाव
मानसिकता का प्रभाव
Anil chobisa
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
VINOD CHAUHAN
दीदार
दीदार
Vandna thakur
नए सफर पर चलते है।
नए सफर पर चलते है।
Taj Mohammad
#लघुकथा :--
#लघुकथा :--
*Author प्रणय प्रभात*
ये छुटपुट कोहरा छिपा नही सकता आफ़ताब को
ये छुटपुट कोहरा छिपा नही सकता आफ़ताब को
'अशांत' शेखर
पुराने पन्नों पे, क़लम से
पुराने पन्नों पे, क़लम से
The_dk_poetry
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
Phool gufran
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
Bhupendra Rawat
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
औलाद
औलाद
Surinder blackpen
💐अज्ञात के प्रति-147💐
💐अज्ञात के प्रति-147💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2489.पूर्णिका
2489.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
Rj Anand Prajapati
नहले पे दहला
नहले पे दहला
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मौसम बदल गया*
*मौसम बदल गया*
Shashi kala vyas
*** भाग्यविधाता ***
*** भाग्यविधाता ***
Chunnu Lal Gupta
हमने माना कि हालात ठीक नहीं हैं
हमने माना कि हालात ठीक नहीं हैं
SHAMA PARVEEN
रात
रात
sushil sarna
विचार और रस [ दो ]
विचार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
Anil Mishra Prahari
"व्यवहार"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
Vijay kumar Pandey
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
Ram Krishan Rastogi
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...