Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2016 · 1 min read

तोहफे गम औ ख़ुशी के लिए जा रहे

तोहफे गम औ ख़ुशी के लिए जा रहे
ज़िन्दगी यूँ बसर बस किये जा रहे

ये कहीं दिल में नासूर नहीं जाएँ बन
सोचकर जख्म अपने सिये जा रहे

आज तो इतनी धन की बढ़ी प्यास है
अश्क भी लोग अपने पिये जा रहे

लौट आएंगे वो ,रोज इस आस में
राह में हम जलाते दिये जा रहे

मोड़ हर उम्र का खूबसूरत यहाँ
सोचना मत कभी क्यों जिये जा रहे

अर्चना हो मुकम्मल ग़ज़ल हम तभी
भाव में जोड़ते काफिये जा रहे

डॉ अर्चना गुप्ता

1 Like · 1 Comment · 470 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
ना वह हवा ना पानी है अब
ना वह हवा ना पानी है अब
VINOD CHAUHAN
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
डी. के. निवातिया
वजह ऐसी बन जाऊ
वजह ऐसी बन जाऊ
Basant Bhagawan Roy
खग  (कुंडलिया)*
खग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*अध्यापिका
*अध्यापिका
Naushaba Suriya
************ कृष्ण -लीला ***********
************ कृष्ण -लीला ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
प्रकृति कि  प्रक्रिया
प्रकृति कि प्रक्रिया
Rituraj shivem verma
#अजब_गज़ब
#अजब_गज़ब
*Author प्रणय प्रभात*
"सुस्त होती जिंदगी"
Dr Meenu Poonia
आह जो लब से निकलती....
आह जो लब से निकलती....
अश्क चिरैयाकोटी
बाल कविता: चूहा
बाल कविता: चूहा
Rajesh Kumar Arjun
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ख्याल
ख्याल
अखिलेश 'अखिल'
भेंट
भेंट
Harish Chandra Pande
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
Sakshi Tripathi
मैंने तो बस उसे याद किया,
मैंने तो बस उसे याद किया,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
घर बन रहा है
घर बन रहा है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
भारत भूमि में पग पग घूमे ।
भारत भूमि में पग पग घूमे ।
Buddha Prakash
आजादी का दीवाना था
आजादी का दीवाना था
Vishnu Prasad 'panchotiya'
खुश रहने की कोशिश में
खुश रहने की कोशिश में
Surinder blackpen
प्राप्ति
प्राप्ति
Dr.Pratibha Prakash
आधा - आधा
आधा - आधा
Shaily
पेडों को काटकर वनों को उजाड़कर
पेडों को काटकर वनों को उजाड़कर
ruby kumari
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
Rj Anand Prajapati
कविता
कविता
Rambali Mishra
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिव शून्य है,
शिव शून्य है,
पूर्वार्थ
लेशमात्र भी शर्म का,
लेशमात्र भी शर्म का,
sushil sarna
रिश्ते..
रिश्ते..
हिमांशु Kulshrestha
Loading...