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9 Jan 2017 · 2 min read

तोहफा

लघुकथा
*****तोहफा*******
आज शोभा बहुत खुश है ,आज उसका बेटा गौरव पूरे 10 साल का हो गयाहै!समय कैसे गुजरता चला जाता है,कुछ पता नहीं चलता,जैसे आज की ही बात हो,जब ईश्वर ने उसे ये अनमोल तोहफा दिया।इसके आते ही शोभा की पूरी जिंदगी जो बदल गयी थी। गौरव के पिता विनीत की तो जान बसती है उसमें।
जब वो 5 साल का हुआ हमने सबसे अच्छे स्कूल में उसका दाखिला करवाया।उसे कामयाब होते देखना हम दोनों का सबसे बड़ा सपना है।
उसके लिए दुनिया की सब सुख सुविधाएँ जुटाने के लिए मैंने भी जॉब करने की ठान ली।
आज घर पर पार्टी है,इसलिए हम दोनों गौरव को लेकर मॉल आ गए।”मम्मी,!आज मेरा बर्थडे है इसलिए सब गिफ्टस मै अपनी पसंद से लूँगा।मेरे सभी दोस्त कितने खुश होंगे,और आज वनीला केक चाहिए मुझे।”गौरव खुशी से चहक रहा था। हम लोग सभी तोहफे और चोकलेटस लेकर मॉल से बाहर आये। तो पास में ही शिवमंदिर था। तो मैंने कहा-“चलो गौरव तुम्हारा जन्मदिन है तो भगवान का आशीर्वाद लेते हुए चलते है”!हम गाड़ी लेकर मंदिर की और चल पड़े।
ज्यादा भीड़ नहीं थी तुरंत दर्शन हो गए। बाहर आये तो देखा कुछ बस्ती के बच्चे खेल रहे थे। वही बगल में ही छोटी छोटी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों की बस्ती थी। उन्हें देखते ही मैंने गौरव से कहा-“बेटा इन्हें भी चोकलेट खिलाओ।”विनीत तुरंत चोकलेट का पैकेट लेकर आये और गौरव को दिया।गौरव ने पैकेट नहीं लिया और बोला-पापा क्या ये मुझे अच्छे अच्छे गिफ्ट्स भी देंगे!”मैंने कहा “नहीं बेटा!मगर ये सब तुम्हें बहुत सारी दुआएं देंगे,तुम्हारे दोस्त बनेगें।”तो गौरव तुरंत बोला-“तो मै इन्हें चोकलेट नहीं दूंगा ,जब ये मुझे गिफ्ट नहीं दे सकते। मुझे तो गिफ्ट चाहिए मम्मी।” हम दोनों उसे देख कर अवाक् रह गए।
ये हम क्या कर रहे है। उसे महंगे स्कूल में पढ़ा रहे है,अच्छे कपडे, खिलोने
सब कुछ दिया हमने उसे ।मगर शायद मानवीय मूल्य सीखाना भूल गए।
कोई भी पाठशाला ये नहीं सिखाती,हम उसे ये सब न सिखाकर कितनी बड़ी भूल कर रहे है। ये आज समझ आ रहा था।वो अच्छे स्कूल में पढ़ कर बड़ा आदमी तो बन जायेगा मगर एक अच्छा इंसान नहीं बन पायेगा।
हमें उसे एक इंसान बनाना है बड़ा आदमी नहीं।
इस सबक की मन में गाँठ बांधकर ,अपने बेटे को उसके जीवन का,उसके जन्मदिन का सबसे बड़ा तोहफा देने का निर्णय कर लिया हम दोनों ने ।सभी बच्चों को गिफ्ट्स देकर हमने गौरव का जन्मदिन वही मनाया।
गौरव के चेहरे पर एक मिलीजुली मुस्कान थी। जैसे उसे भी कुछ कुछ अहसास हो रहा हो;उन बच्चों से मिली बधाइयों का ।।।।
#रजनी

Language: Hindi
457 Views
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