तेरी यादों के बहाने
तेरी यादों के बहाने
शबनम बहाना ही तो इश्क़ है।
तकिये से लिपट कर
सो जाना ही तो इश्क़ है।
रात को सपनो की बारात लाना
और मुझे जगा जाना ही तो इश्क़ है।
तेरे तस्सवुर को सिने से
लगाना ही तो इश्क़ है।
पल पल तेरी बातें याद आना और
लबों पर मुस्कराहट का झोखा आना ही तो इश्क़ है।
तेरा नाम गुनगुनाना ही
तो इश्क़ है।
तेरी यादों की बारात साथ ले जाना और यादों के साथ ज़िन्दगी
बिताना ही तो इश्क़ है।