Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2017 · 1 min read

तेरी यादों का सिलसिला है

ये जो तेरी यादों का सिलसिला है
बड़ा ही कठिन सा ये जलजला है

प्यार करती है मुझसे मैं जानता हूँ
लेकिन मोहबत में हर दिल जला है

पथ्थरों की बौछार से मुझे डर कैसा
मोहबत में ये दिल किसका डरा है

वो छोड़कर मुझको गई है जबसे ही
यादो का उसकी मुझे ही आसरा है

लौटकर आई है वो अब मेरी चाह मैं
रब ही जाने कौन सा ये माजरा है

ये फूल खिलने से ही पहले टूट जाते
हर ओर नफरत का यहाँ सिलसिला है

प्यार चाहत और मोहबत सब भूलकर
बस नुमायश का ही अब दबदबा है

ये ऋषभ तुमको सिखाये क्या मोहबत
इस मोहबत से ही तो ये सरफिरा है

ऋषभ तोमर

1 Like · 274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लक्ष्य जितना बड़ा होगा उपलब्धि भी उतनी बड़ी होगी।
लक्ष्य जितना बड़ा होगा उपलब्धि भी उतनी बड़ी होगी।
Paras Nath Jha
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
Shubham Pandey (S P)
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Sakshi Tripathi
दिये को रोशननाने में रात लग गई
दिये को रोशननाने में रात लग गई
कवि दीपक बवेजा
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माना जिंदगी चलने का नाम है
माना जिंदगी चलने का नाम है
Dheerja Sharma
खुश होना नियति ने छीन लिया,,
खुश होना नियति ने छीन लिया,,
पूर्वार्थ
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
कुछ बहुएँ ससुराल में
कुछ बहुएँ ससुराल में
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
प्रकृति एवं मानव
प्रकृति एवं मानव
नन्दलाल सुथार "राही"
लोकशैली में तेवरी
लोकशैली में तेवरी
कवि रमेशराज
हास्य कथा :अहा कल्पवृक्ष
हास्य कथा :अहा कल्पवृक्ष
Ravi Prakash
चांद निकला है तुम्हे देखने के लिए
चांद निकला है तुम्हे देखने के लिए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
सज जाऊं तेरे लबों पर
सज जाऊं तेरे लबों पर
Surinder blackpen
मोबाईल नहीं
मोबाईल नहीं
Harish Chandra Pande
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
अनिल कुमार
अक्ल के दुश्मन
अक्ल के दुश्मन
Shekhar Chandra Mitra
क्या बात है फौजी
क्या बात है फौजी
Satish Srijan
*नज़्म*
*नज़्म*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
So, blessed by you , mom
So, blessed by you , mom
Rajan Sharma
कुत्ते की पूंछ भी
कुत्ते की पूंछ भी
*Author प्रणय प्रभात*
3214.*पूर्णिका*
3214.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" परदेशी पिया "
Pushpraj Anant
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
संभव भी असम्भव
संभव भी असम्भव
Dr fauzia Naseem shad
"हस्ताक्षर"
Dr. Kishan tandon kranti
*
*"ममता"* पार्ट-5
Radhakishan R. Mundhra
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मायापुर यात्रा की झलक
मायापुर यात्रा की झलक
Pooja Singh
Loading...