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21 Nov 2016 · 1 min read

तेरा यूँ रूठ कर जाना ..

छतरपुर के झरोखों से, किसी की राह को तकना
तेरे आने की चाहत में, सजीली आँख का थकना
नहीं भूला हूँ मैं अब तक, वो जीया साथ का हर पल
वो तेरे साथ में रोना, वो तेरे साथ में हँसना।

तेरा यूँ रूठ कर जाना, यूँ मुझसे दूर हो जाना
मुझे अच्छा नही लगता, मेरा मजबूर हो जाना
तू हैं तो हैं सभी खुशियाँ, तू हैं तो हैं सभी नगमे
तेरी बिछड़न हैं हाल-ए-दिल का, चकनाचूर हो जाना

– नीरज चौहान

Language: Hindi
611 Views
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