Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2016 · 1 min read

तू, मैं और तनहाईयाँ…

ये रात का नशा
धुआँ धुआँ आशना
इश्क़ फैला सब जगह
डूबें हैं इसमें सभी
तू, मैं और तनहाईयाँ…

और कोई नहीं यहाँ
ये अकेला कारवाँ
घुम है मंज़िल का निशाँ
फिर भी चलते हैं
तू, मैं और तनहाईयाँ…

तेरे कदमों के निशाँ
चलता हूँ उन पर बारहा
सुनता हूँ तेरी धड़कनों की सदा
खामोशी है और कोई नहीं
बस तू, मैं और तनहाईयाँ…

–प्रतीक

Language: Hindi
3 Comments · 588 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*
*"बीजणा" v/s "बाजणा"* आभूषण
लोककवि पंडित राजेराम संगीताचार्य
ग़ज़ल/नज़्म : पूरा नहीं लिख रहा कुछ कसर छोड़ रहा हूँ
ग़ज़ल/नज़्म : पूरा नहीं लिख रहा कुछ कसर छोड़ रहा हूँ
अनिल कुमार
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वर्षा ऋतु के बाद
वर्षा ऋतु के बाद
लक्ष्मी सिंह
दीप की अभिलाषा।
दीप की अभिलाषा।
Kuldeep mishra (KD)
आपका अनुरोध स्वागत है। यहां एक कविता है जो आपके देश की हवा क
आपका अनुरोध स्वागत है। यहां एक कविता है जो आपके देश की हवा क
कार्तिक नितिन शर्मा
बेऔलाद ही ठीक है यारों, हॉं ऐसी औलाद से
बेऔलाद ही ठीक है यारों, हॉं ऐसी औलाद से
gurudeenverma198
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
bharat gehlot
2247.
2247.
Dr.Khedu Bharti
मोर छत्तीसगढ़ महतारी हे
मोर छत्तीसगढ़ महतारी हे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जीवन में जीत से ज्यादा सीख हार से मिलती है।
जीवन में जीत से ज्यादा सीख हार से मिलती है।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
साधक
साधक
सतीश तिवारी 'सरस'
बुराइयां हैं बहुत आदमी के साथ
बुराइयां हैं बहुत आदमी के साथ
Shivkumar Bilagrami
और प्रतीक्षा सही न जाये
और प्रतीक्षा सही न जाये
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
खुशियाँ
खुशियाँ
Dr Shelly Jaggi
सत्ता में वापसी के बाद
सत्ता में वापसी के बाद
*Author प्रणय प्रभात*
अनंत का आलिंगन
अनंत का आलिंगन
Dr.Pratibha Prakash
*होटल राजमहल हुए, महाराज सब आम (कुंडलिया)*
*होटल राजमहल हुए, महाराज सब आम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मायके से लौटा मन
मायके से लौटा मन
Shweta Soni
चलते-चलते...
चलते-चलते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मकर संक्रांति पर्व
मकर संक्रांति पर्व
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें,
दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें,
manjula chauhan
"खुश रहने के तरीके"
Dr. Kishan tandon kranti
खुद पर यकीं
खुद पर यकीं
Satish Srijan
चींटी रानी
चींटी रानी
Manu Vashistha
Tumko pane ki hasrat hi to thi ,
Tumko pane ki hasrat hi to thi ,
Sakshi Tripathi
छोड़ दिया
छोड़ दिया
Srishty Bansal
सबके साथ हमें चलना है
सबके साथ हमें चलना है
DrLakshman Jha Parimal
*लफ्ज*
*लफ्ज*
Kumar Vikrant
Loading...