Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2017 · 1 min read

तुम

तुम

अकुलाते मेघों की गड़गड़ाहट
अरण्य में मयूरों का कलरव
आकाश से जीवनी बरसात
धरती की बुझती प्यास
खेतों में बिछी गहरी हरियाली
अपरिचिता के केशों में अटकी बूँदें

जब संयोग ऐसा
होता है आस पास
हमेशा, याद आती हो तुम
भड़कती है मिलान की प्यास.

सुगन्धित आम के बौरों से लदे पेड़
गाँव को लौटते चरवाहे और गोरू
अपरचित ग्राम्या के चूल्हे से उठा धुआँ
आकाश का रक्त रंजित पश्चिमी कोना
सुरमई ढलती शाम, बसेरों में लौटते पखेरू

जब इन सबका
साक्षात्कार होता है
हमेशा, याद आती हो तुम
ऐसा हर बार होता है.

निशा के गहन आँचल में दुबका गांव
झुरमुटों से उनींदे झींगुरों की आवाज
‘धवल’ चाँदनी से भरा आँगन
सूनी आँखों में पल रहे कोमल स्वप्न
प्रतीक्षा में खोले किवाड़ बैठा मन

जब कभी रात का
सूनापन डसता है मुझे
हमेशा, याद आती हो तुम
ऐसा लगता है मुझे .

प्रदीप तिवारी ‘धवल’

Language: Hindi
792 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
संजय कुमार संजू
"लिखना कुछ जोखिम का काम भी है और सिर्फ ईमानदारी अपने आप में
Dr MusafiR BaithA
वो मूर्ति
वो मूर्ति
Kanchan Khanna
*अपराधी लड़ने चले,लेकर टिकट चुनाव (कुंडलिया)*
*अपराधी लड़ने चले,लेकर टिकट चुनाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अकेले हुए तो ये समझ आया
अकेले हुए तो ये समझ आया
Dheerja Sharma
* खूब खिलती है *
* खूब खिलती है *
surenderpal vaidya
*** चल अकेला.......!!! ***
*** चल अकेला.......!!! ***
VEDANTA PATEL
चाँदनी .....
चाँदनी .....
sushil sarna
सबसे बड़े लोकतंत्र के
सबसे बड़े लोकतंत्र के
*Author प्रणय प्रभात*
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
VINOD CHAUHAN
****** घूमते घुमंतू गाड़ी लुहार ******
****** घूमते घुमंतू गाड़ी लुहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रेम में डूबे रहो
प्रेम में डूबे रहो
Sangeeta Beniwal
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
Rj Anand Prajapati
होकर उल्लू पर सवार
होकर उल्लू पर सवार
Pratibha Pandey
आइए मोड़ें समय की धार को
आइए मोड़ें समय की धार को
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
तेरी हुसन ए कशिश  हमें जीने नहीं देती ,
तेरी हुसन ए कशिश हमें जीने नहीं देती ,
Umender kumar
कश्मीर में चल रहे जवानों और आतंकीयो के बिच मुठभेड़
कश्मीर में चल रहे जवानों और आतंकीयो के बिच मुठभेड़
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
23/21.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/21.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Suryakant Dwivedi
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
goutam shaw
Ajj purani sadak se mulakat hui,
Ajj purani sadak se mulakat hui,
Sakshi Tripathi
कान में रुई डाले
कान में रुई डाले
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
Sanjay ' शून्य'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सुमति
सुमति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्यारा सा गांव
प्यारा सा गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
उन पुरानी किताबों में
उन पुरानी किताबों में
Otteri Selvakumar
*हम विफल लोग है*
*हम विफल लोग है*
पूर्वार्थ
ये दुनिया घूम कर देखी
ये दुनिया घूम कर देखी
Phool gufran
शुभ धाम हूॅं।
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...