तुम तो ठेहरे प्रदेशी
तुम तो ठेहरे प्रदेशी यूं साथ छोड़ चले
अपने किये वादों से क्यों मुंह मोड़ चले
हमनें किया था वादा साथ निभाने का
यूं मेरी दुनिया में तुम ख्वाब छोड़ चले
हर एक लम्हे में है तेरी यादों का साया
हर एक लम्हे में अपनी याद छोड़ चले
तू ही तो मेरा साथी था तू मेरा हमसफ़र
अब मुझे मेरी तन्हाई के साथ छोड़ चले
तेरी इस रुसवाई का क्या है बहाना
रुस्वा होकर तुम कौन राह जोड़ चले
तुमने तो बोला था हूँ मैं तेरा साया
अपने इस साये की क्यों राह मोड़ चलें
मैंने तुझे माना था अपना सहारा
तुम मुझे क्यों यूँ बेसहारा छोड़ चले
भूपेंद्र रावत
6।08।2017