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6 Aug 2017 · 1 min read

तुम तो ठेहरे प्रदेशी

तुम तो ठेहरे प्रदेशी यूं साथ छोड़ चले
अपने किये वादों से क्यों मुंह मोड़ चले

हमनें किया था वादा साथ निभाने का
यूं मेरी दुनिया में तुम ख्वाब छोड़ चले

हर एक लम्हे में है तेरी यादों का साया
हर एक लम्हे में अपनी याद छोड़ चले

तू ही तो मेरा साथी था तू मेरा हमसफ़र
अब मुझे मेरी तन्हाई के साथ छोड़ चले

तेरी इस रुसवाई का क्या है बहाना
रुस्वा होकर तुम कौन राह जोड़ चले

तुमने तो बोला था हूँ मैं तेरा साया
अपने इस साये की क्यों राह मोड़ चलें

मैंने तुझे माना था अपना सहारा
तुम मुझे क्यों यूँ बेसहारा छोड़ चले

भूपेंद्र रावत
6।08।2017

1 Like · 363 Views
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