Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2016 · 1 min read

तुम्हारे खत……. कविता कमंडल काव्य संग्रह से मेरी दूसरी रचना

एक दिन
तुम्हारे लिखे
वो सारे खत
सार्वजनिक कर
लाऊंगी दुनिया के सामने
उस दिन पता चल जायेगा
तुम्हारे उन अपनों को
जिन्हें लगता है आज
कि हम ढोह रहे है अपने रिश्ते को
कितना प्यार है
हमारी रिश्तों की जड़ों में
जो हमे एक दूसरे से
दूर
होने ही नही देता
तुम्हारी खुशबू से सरोबोर
आज भी
खोलती हूँ जब कभी तुम्हारे खत
तो वो मुझे अंदर तक भीगो जाते है
और तुम्हारे गहरे प्यार का अहसास
बरस पड़ता है मुझ पर
सावन की पहली फुहार सा
न जाने वो कैसा वक़्त था
जब घटाएं छाती थी आसमान पर
मन तुम से दूरी होने का
शोक मनाता उदास हो उठता था
तुम कभी तेज़ तूफान में
आ कर खड़े हो जाते थे
मेरे कमरे की खिड़की से नजर आते
उस आम के पेड़ के नीचे
दूर ….
हम निहारा करते
एक दूसरे को घंटो
तुम भीगते रहते बारीश मे
और मे भीगती रहती तुम्हारे कोमल प्यार मे
न जाने वो कौन सा वक़्त था
जब तुम मेरे लिए पत्थर हो गये
पर मैं जानती हूँ
जो अंगारे बरसते है आज
शब्द बन कर
उन के नीचे
तलहटी में कही
एक नदी बहती है
जो तुम कहते नही
वो मुझ से छुपा कर रखी
तुम्हारी डायरी बताती है
जिस का हर पन्ना
मेरे नाम लिखा एक खत है
तभी तो कहती हूँ
किसी दिन तुम्हारी नज़र बचा
सार्वजनिक कर दूंगी
तुम्हारे प्रेम में भीगे खत
उस दिन तुम अपनी भावनाओं का बांध
बचा पाये तो कहना

शिखा श्याम राणा
पंचकूला हरियाणा॥

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 942 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
Manisha Manjari
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
Dr.Rashmi Mishra
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
Taj Mohammad
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
सपने
सपने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2831. *पूर्णिका*
2831. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेशक खताये बहुत है
बेशक खताये बहुत है
shabina. Naaz
11) “कोरोना एक सबक़”
11) “कोरोना एक सबक़”
Sapna Arora
झुकाव कर के देखो ।
झुकाव कर के देखो ।
Buddha Prakash
*चारों और मतलबी लोग है*
*चारों और मतलबी लोग है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
श्याम सिंह बिष्ट
नए मुहावरे का चाँद
नए मुहावरे का चाँद
Dr MusafiR BaithA
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैं ,
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैं ,
Vishal babu (vishu)
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
"विकल्प रहित"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
Er. Sanjay Shrivastava
*हिंदी दिवस*
*हिंदी दिवस*
Atul Mishra
दिलबर दिलबर
दिलबर दिलबर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या कहती है तस्वीर
क्या कहती है तस्वीर
Surinder blackpen
वक्त और रिश्ते
वक्त और रिश्ते
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कावड़ियों की धूम है,
कावड़ियों की धूम है,
manjula chauhan
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
अश्क चिरैयाकोटी
అమ్మా దుర్గా
అమ్మా దుర్గా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कितना प्यार
कितना प्यार
Swami Ganganiya
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
पाती प्रभु को
पाती प्रभु को
Saraswati Bajpai
Loading...