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30 Jun 2017 · 1 min read

तुम्हारी हँसी

शांत पानी को दीवाना बना जाती है
तुम्हारी हँसी,
असंख्य तरंगे बना जाती है
तुम्हारी हँसी,
मदमस्त लहर सी मचलती,
सतरंगी बुलबुलों सी चुहल करती,
पागल सा बना जाती
ये तुम्हारी हँसी।

तुम्हारी हँसी के झंकार पर
डूबने को बेकरार
है रूह मेरी,
इस अनंत भावनाओं के सागर में
गोते लगाती,
पुरज़ोर गर्मजोशी से,
मुझे आग़ोश में अपने लेती,
अपने अंदर मुझे समाती,
सरगम के सुर ताल पर
जलतरंग सी तुम्हारी हँसी।

यूँ लिपटकर
उस खिलखिलाहट से,
तुम्हारे दिल में
खुद अपना ही अक्स
दिखाई देता है मुझे,
दीवानगी की हद पार कराती,
अनेकों रंग बिखेरती,
सितारों सी रोशन करती,
झिलमिलाती सी
तुम्हारी हँसी।।

©मधुमिता

Language: Hindi
276 Views
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