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21 May 2017 · 1 min read

तुने जो लिखे थे खत

तुने जो लिखे थे खत,
उसे आज भी पढ़ती हूँ।
तेरे संग गुजरे जो पल,
सदा याद किया करती हूँ।
जब भी अपने जूड़े में,
मैं कोई फूल लगाती हूँ।
महकी-सी खुशबू में तुझे
महसूस किया करती हूँ।
-लक्ष्मी सिंह

1 Comment · 444 Views
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