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23 Jan 2017 · 1 min read

तस्वीर….

तस्वीर बनायी है इक मैंने…
कुछ आढी तिरछी रेखाओं से…

उलझी सी ज़ुल्फें उसकी…
सुलझाने की कोशिश में…
हाथ बढ़ाया मैंने…
की रंग से भरने लगे…
तकदीर में उसकी…

उलझी लटें लहराने लगी…
माथे की रेखाएं चमकने लगी….
होंठ थे की रह रह के मुस्कुरा देते…
मधुर संगीत जैसे बज रहा हो मन में कहीं…
आँखें थी हिरनी जैसी, चंचल सी…
पल भर में वश कर ले सभी…

देखते ही देखते मुस्कुरा के यूं चली…
और फिर दूरररररररररररर…..
बहुत दूर कहीं निकल गयी…..

उलझन में हूँ मैं तस्वीर में रंग…
स्याह भरूं या कि
रंग-ऐ-खूँ….

Language: Hindi
345 Views
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