Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2016 · 2 min read

“तभी बिखेरे बाती नूर” {लम्बी तेवरी-तेवर पच्चीसी } +रमेशराज

छुपे नहीं तेरी पहचान, इतना मान
चाहे रूप बदल प्यारे । 1

तुझमें बढ़ा घृणा का भाव, भारी ताव
अंगारों में जल प्यारे । 2

सज्जन को करता गुमराह, भरकर डाह
क्यों घूमे बन खल प्यारे । 3

बहुत जिया तू जल के बीच, आँखें मींच
अब आयेगा थल प्यारे । 4

सच्चाई से तू है दूर, छलिया-क्रूर
निर्मल बनता मल प्यारे । 5

तभी बिखेरे बाती नूर, ये दस्तूर
मोम सरीखा गल प्यारे । 6

दुःखदर्दों से किसकी मुक्ति? कोई युक्ति??
क्या होना है कल प्यारे? 7

अब तू जिस संकट के बीच, भारी कीच
थोड़ा-बहुत निकल प्यारे । 8

रैंग, हुआ जो पाँव विहीन, बनकर दीन
सर्प सरीखा चल प्यारे । 9

जग में उल्टे-सीधे काम, ओ बदनाम
क्यों करता है छल प्यारे । 10

बहे पसीना गर्मी खूब, झुलसी दूब
अब तो पंखा झल प्यारे । 11

अब होना सारा तम भंग, दीखे रंग
सूरज रहा निकल प्यारे । 12

भले लगें तुझको बाजार, मेरे यार
चल सिक्कों में ढल प्यारे । 13

होना तुझे अन्ततः ढेर, मेरे शेर
अब तू खूब उछल प्यारे । 14

फिर करना ठंडक महसूस, अरे खडूस
थोड़ा अभी उबल प्यारे । 15

अगर नहीं करनी बरसात, ये क्या बात?
क्यों बनता बादल प्यारे । 16

कौन रहा यह पागल बोल, पेड़ टटोल
“फूल नहीं है फल प्यारे “। 17

हम बोलेंगे नहीं कठोर, तुझको चोर
पहले तनिक पिघल प्यारे । 18

बनता फिरता है सुकरात, बिन औकात
ले अब जरा गरल प्यारे । 19

जिसमें दिखें खुशी के रंग, उठें तरंग
कब आया वो पल प्यारे । 20

लोग आज गड्ढों को पाट, आकर हाट
दीख रहे समतल प्यारे । 22

आने दे थोड़ी-सी धूप, ओ स्तूप
क्यों तू बना महल प्यारे । 23

अपने मन को किये अधीर, लेकर पीर
डोल न बन पागल प्यारे । 24

दो छंदों में! फिर भी शे’र, देर-सबेर
ये भी रूप ग़ज़ल प्यारे?? 25
——————————————————————
+रमेशराज,15/109, ईसानगर, अलीगढ़-202001
Mo.-9634551630

Language: Hindi
246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चट्टानी अडान के आगे शत्रु भी झुक जाते हैं, हौसला बुलंद हो तो
चट्टानी अडान के आगे शत्रु भी झुक जाते हैं, हौसला बुलंद हो तो
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कलयुगी धृतराष्ट्र
कलयुगी धृतराष्ट्र
Dr Parveen Thakur
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
Keshav kishor Kumar
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Impossible means :-- I'm possible
Impossible means :-- I'm possible
Naresh Kumar Jangir
:: English :::
:: English :::
Mr.Aksharjeet
कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए,
कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
वैसा न रहा
वैसा न रहा
Shriyansh Gupta
23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
आर.एस. 'प्रीतम'
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
gurudeenverma198
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
बेटी परायो धन बताये, पिहर सु ससुराल मे पति थम्माये।
बेटी परायो धन बताये, पिहर सु ससुराल मे पति थम्माये।
Anil chobisa
भारी लोग हल्का मिजाज रखते हैं
भारी लोग हल्का मिजाज रखते हैं
कवि दीपक बवेजा
■ कभी मत भूलना...
■ कभी मत भूलना...
*Author प्रणय प्रभात*
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
भतीजी (लाड़ो)
भतीजी (लाड़ो)
Kanchan Alok Malu
काश.! मैं वृक्ष होता
काश.! मैं वृक्ष होता
Dr. Mulla Adam Ali
"सैल्यूट"
Dr. Kishan tandon kranti
अच्छा लगने लगा है उसे
अच्छा लगने लगा है उसे
Vijay Nayak
माता रानी दर्श का
माता रानी दर्श का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सोच समझकर कीजिए,
सोच समझकर कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शिक्षा
शिक्षा
Buddha Prakash
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
लक्ष्मी सिंह
बारिश की संध्या
बारिश की संध्या
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कण-कण में श्रीराम हैं, रोम-रोम में राम ।
कण-कण में श्रीराम हैं, रोम-रोम में राम ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जी-२० शिखर सम्मेलन
जी-२० शिखर सम्मेलन
surenderpal vaidya
एहसास के रिश्तों में
एहसास के रिश्तों में
Dr fauzia Naseem shad
Loading...